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शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

सुनो जोगी !------- कविता -

ये  तुमने  कैसा  गीत  सुनाया   जोगी ?
जिसे  सुनकर  जी भर आया  जोगी |
ये दर्द  था कोई  दुनिया  का 
या  दुःख अपना  गाया  जोगी ! 

अनायास  उमड़ा आँखों  में  पानी ,
कह  रहा   कुछ  अलग  कहानी |
तन  की  है ना  धन  की  कोई ,
 है कहीं गहरी  चोट रूहानी |
माथे  की   सिलवट  कहती  है   
 कहीं नीद न  चैन  पाया  जोगी !

किस  आसक्ति  ने  बना  दिया तुम्हें ,
 जग-भर  से  विरक्त  जोगी ? 
कौन  संसार  बसा  तुम्हारे  भीतर 
तुम  जिसमें   हुए  मस्त  जोगी ?
किस  दुःख  पहना  भगवा  चोला  
क्यों कोई और रंग  ना  भाया जोगी ?

किसकी यादों  के  हवन  में  नित 
 तन  और  प्राण   जलाते  हो ?
किस  बिछुड़े  की  पीड़ा में,
यूँ  दर्द  के  सुर   में   गाते  हो ?
 क्यों  लरज़े  सुर सारंगी के   ?   
 स्वर  भी कंपकपाया  जोगी !

क्या   भारी  भूल  हुई  तुमसे ,
जो ये दारुण  कष्ट उठाया  है ? 
ये  दोष  है कोई  नियति का,
या अपनों  से  धोखा  खाया  है ?
 क्यों  तोड़े स्नेह-ममता  के  रिश्ते ?
छोड़ी सब जग  की  माया  जोगी !

 क्यों  चले अकेले  जीवनपथ पर ?
 साथ लिया  ना कोई  हठ कर  ?
तोडी  हर  बाधा रस्ते  की ,
ना  देखा  पीछे  कभी  भी  मुड़कर |
बिसरी  गाँव-गली  की  सुध- बुध 
हुआ अपना देश पराया जोगी !!

बुल्लेशाह  की  तू  कहे  काफ़ियाँ,
 गाये  वारिस  की  हीर  जोगी | 
  दिल  का  ही  था  किस्सा  कोई 
 जो राँझा  बना   फ़कीर  जोगी |
 इश्क़ के  रस्ते  खुदा  तक  पँहुचे,
 क्या तूने  वो  पथ  अपनाया  जोगी ?
ये कोई  दर्द  था  दुनिया  का , 
या दुःख   अपना गाया  जोगी !!

 
गूगल प्लस से अनमोल टिप्पणी --
Mahatam Mishra: ये तुमने कैसा गीत सुनाया जोगी -जिसे सुनकर जी भर आया जोगी , बहुत ही सार्थक भाव  प्रस्फुटित उद्भार आदरणीया वाह वाह और वाह, जोगी जी वाह!!!!!!!
shail Singh:
वाह अद्द्भुत रचना ,जोगी की अन्तर्व्यथा का आख्यान बहुत ही मार्मिक चित्रण !


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10 टिप्‍पणियां:


  1. वाह अद्द्भुत रचना ,जोगी की अन्तर्व्यथा का आख्यान बहुत ही मार्मिक ,

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    उत्तर
    1. आदरणीय शैल जी ------ स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग पर | आपकी सार्थक टिपण्णी के लिए आभारी हूँ आपकी |

      हटाएं
  2. वाह्ह्ह...अति सुंदर मनमोहक जोगी का गीत....मन तो आपकी रचना में डूब गया...वाह्ह्ह....लाज़वाब लिखा आपने रेणु जी।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रिय श्वेता जी -- बहुत आभारी हूँ आपकी कि आपने रचना पढ़ी और अपने स्नेह भरे शब्दों से मेरा मनोबल बढाया |

      हटाएं
  3. लाज़वाब अतिसुन्दर मनमोहक रचना रेणु दी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रिय शकु-------- आपके स्नेहासिक्त शब्दों के लिए आभारी हूँ आपकी |

      हटाएं
  4. बहुत ही मार्मिक, दिल को छूते हुए शब्द ... प्रेम का रास्ता इश्वर का रास्ता होता है ... कोई प्रेमी तो कोई इश्वर को पाता है ... कोमल शब्द, गहरा एहसास, मिलन की आस और विरह का ताना बाना बुनती सुन्दर रचना ...

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  5. आदरणीय दिगम्बर जी -- सादर आभार और नमन आपको इन प्रेरक शब्दों के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  6. उत्तर
    1. आदरणीय लोकेश जी -- आभारी हूँ आपकी | आपके शब्द अनमोल हैं |

      हटाएं

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