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शुक्रवार, 9 मार्च 2018

जीवन में तुम्हारा होना ---- कविता --





जीवन में  तुम्हारा होना---- कविता --


जब सबने रुला दिया  
तब तुमने  हँसा दिया ,
ये कौन प्रीत का  जादू   
भीतर तुमने जगा दिया  ?
  
जीवन में  तुम्हारा होना 
 शायद अरमान हमारा था ;
इसी लिए अनजाने में  
 दिल ने   तुम्हें  पुकारा था ;
 सहलाया  घायल  अंतर्मन    -
मरहम सा लगा दिया !!

खुद को भूले  बैठे थे  
जीवन की तप्त दुपहरी थी , 
जो साथ  तुम्हें  लेकर आई  
वो भोर सुनहरी थी ;
तुम आये खुशियाँ संग लाये  
 हर  दर्द भुला दिया  !!

जो मन में   गूंजा  करता था
 वो इक नाम तेरा ही था ;
 एक अलग रूप में मिला है साथी  
 तू घनश्याम मेरा ही था ;
 यूँ साथ  दिया , मायूसी की 
  नींदों से जगा  दिया !!
  
उसी क्षण की परिक्रमा  करता -
ये अनुरागी मन मेरा ,
जो भर  गया दामन  में उमंगे 
और बदल गया जीवन मेरा ;
उपकार बड़ा उस पल का-
 जिसने  तुमसे मिला दिया !! 


चित्र -- गूगल से साभार ----- 
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धन्यवाद शब्द नगरी ------ 

रेणु जी बधाई हो!,

आपका लेख - (जीवन में तुम्हारा होना---- कविता -- ) आज के विशिष्ट लेखों में चयनित हुआ है | आप अपने लेख को आज शब्दनगरी के मुख्यपृष्ठ (www.shabd.in) पर पढ़ सकते है | 

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