tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post1825209692712536939..comments2024-03-29T02:14:17.831-07:00Comments on क्षितिज : मन प्रश्न कर रहे -------कविता -- रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-15772577742198809472018-02-27T04:13:57.358-08:002018-02-27T04:13:57.358-08:00प्रिय दीपाली जी -- सस्नेह आभार आपका | प्रिय दीपाली जी -- सस्नेह आभार आपका | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-41320353032941034662018-02-27T02:22:18.129-08:002018-02-27T02:22:18.129-08:00बहुत ही सुंदर पंक्तियां रेणु जीबहुत ही सुंदर पंक्तियां रेणु जीDeepalee thakurhttps://www.blogger.com/profile/00641314124931707399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-13815624563904962752018-02-26T09:46:45.396-08:002018-02-26T09:46:45.396-08:00प्रिय शुभा जी -- सस्नेह आभार |प्रिय शुभा जी -- सस्नेह आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-79689739046212512362018-02-26T09:46:07.280-08:002018-02-26T09:46:07.280-08:00आदरणीय कुसुम बहन -- आपके शब्दों से मन आह्लादित है...आदरणीय कुसुम बहन -- आपके शब्दों से मन आह्लादित है | सस्नेह आभार | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-37112081867567836812018-02-26T09:44:48.964-08:002018-02-26T09:44:48.964-08:00आदरणीय सुधा जी-- आपके शब्द प्रेरक हैं | आदरणीय सुधा जी-- आपके शब्द प्रेरक हैं | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-56199818305041967812018-02-26T09:44:02.643-08:002018-02-26T09:44:02.643-08:00आदरणीय यशोदा दी -- आपके सहयोग के लिए आभारी हूँ आ...आदरणीय यशोदा दी -- आपके सहयोग के लिए आभारी हूँ आपकी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-45775932629020259042018-02-26T09:42:57.259-08:002018-02-26T09:42:57.259-08:00आदरणीय लोकेश जी सादर आभार | आदरणीय लोकेश जी सादर आभार | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-6262333421552883202018-02-26T09:24:48.946-08:002018-02-26T09:24:48.946-08:00वाह!!सुंंदर रचना।वाह!!सुंंदर रचना।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-88016352522613019402018-02-26T03:07:47.152-08:002018-02-26T03:07:47.152-08:00वाह बहना बहत ही सुंदर
अलब्ध सा एकाकार होता मन का ...वाह बहना बहत ही सुंदर <br />अलब्ध सा एकाकार होता मन का अविचल भाव ।<br />अपअप्र अद्भुत मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-88438407612893069542018-02-25T16:28:06.240-08:002018-02-25T16:28:06.240-08:00हैं दूर बहुत पर दूरी का एहसास कहाँ है ?
कोई और ...हैं दूर बहुत पर दूरी का एहसास कहाँ है ?<br />कोई और एक दूजे के इतना पास कहाँ है ?<br />वाह!!!!<br />बहुत ही सुन्दर ....लाजवाब.....Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-42455374951803312962018-02-25T15:27:44.589-08:002018-02-25T15:27:44.589-08:00आपकी लिखी रचना आज के "पांच लिंकों का आनन्द मे...<i><b> आपकी लिखी रचना आज के "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 26 फरवरी 2018 को साझा की गई है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in/ </a>पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-79878484720504517872018-02-25T09:53:49.990-08:002018-02-25T09:53:49.990-08:00बहुत सुंदरबहुत सुंदरLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-47631023109153121692018-02-25T08:29:55.790-08:002018-02-25T08:29:55.790-08:00प्रिय मीना बहन -- रचना पर आपके भावनात्मक चिंतन न...प्रिय मीना बहन -- रचना पर आपके भावनात्मक चिंतन ने रचना के अंतर्निहित भाव की सार्थक विवेचना की है | आपके शब्द आभार से कहीं परे और भावुक कर देने वाले हैं | बस मेरा प्यार ------रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-42600309637609825622018-02-25T08:26:50.945-08:002018-02-25T08:26:50.945-08:00आदरणीय दिगंबर जी -- ब्लॉग पर आपका विचरण और उत्साह...आदरणीय दिगंबर जी -- ब्लॉग पर आपका विचरण और उत्साहवर्धक शब्दों से भरा सार्थक चिंतन मन को आह्लादित कर गया | क्या लिखूं ? आप जैसे कलम के धनी विद्वान के अनमोल शब्दों से गदगद हूँ | सादर आभार और नमन आपको | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-11505933896969020052018-02-25T08:23:32.195-08:002018-02-25T08:23:32.195-08:00आदरणीय पुरुषोत्तम जी -- आपकी काव्यात्मक टिप्पणी न...आदरणीय पुरुषोत्तम जी -- आपकी काव्यात्मक टिप्पणी ने रचना को विस्तार तो दिया ही -- साथ में इसकी शोभा को कई गुना बढ़ा फिया है | आपके शब्द आभार से प्रे हैं | बस सादर नमन | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-44483676642461707792018-02-25T08:21:04.554-08:002018-02-25T08:21:04.554-08:00प्रिय नीतू जी -- सस्नेह आभार उत्साहवर्धन के लिए | ...प्रिय नीतू जी -- सस्नेह आभार उत्साहवर्धन के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-41165947158360209732018-02-25T06:13:45.905-08:002018-02-25T06:13:45.905-08:00हैं दूर बहुत पर दूरी का एहसास कहाँ है ?
कोई और ...हैं दूर बहुत पर दूरी का एहसास कहाँ है ?<br />कोई और एक दूजे के इतना पास कहाँ है ?<br />सुंदर स्वप्न,जो जल्दी ही टूट जाते हैं और एक मृगमरीचिका में उलझाकर छोड़ देते हैं ! जब तक ये भ्रम टूटता है तब तक आप खुद को खो चुके होते हैं !<br />बेहतरीन शब्द शिल्प के लिए बधाई,बहुत सुंदर कल्पना !Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-41027506724360867002018-02-25T01:32:03.634-08:002018-02-25T01:32:03.634-08:00स्वयं का स्वयं से संवाद ही प्रश्न के सही उत्तर की ...स्वयं का स्वयं से संवाद ही प्रश्न के सही उत्तर की और ले जाता है ...<br />दिल जहाँ भाव विहोर होता है ... सुंदर रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-30682567931362318022018-02-24T17:25:28.747-08:002018-02-24T17:25:28.747-08:00हुआ शुरू दो प्राणों का -- मौन -संवाद- सत्र !
...हुआ शुरू दो प्राणों का -- मौन -संवाद- सत्र !<br />मन प्रश्न कर रहे - स्वयम ही दे रहे उत्तर !!<br />बेसतरीन रचना। <br />दूर से आता वो मौन स्वर, <br />करुण क्रंदन करता वो स्वर,<br />वेदना से पिघलते वो ज्वर,<br />समाहित होते हैं हृदय में टकराकर....पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-5810849807769062452018-02-24T11:33:24.943-08:002018-02-24T11:33:24.943-08:00 उत्कृष्ट रचना
बहुत खूब लिखा आप ने...लाजवाब उत्कृष्ट रचना <br />बहुत खूब लिखा आप ने...लाजवाब NITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.com