tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post3580357472432289918..comments2024-03-08T21:11:45.990-08:00Comments on क्षितिज : लिख दो कुछ शब्द - रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger53125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-37908741126810096182021-05-01T10:49:03.309-07:002021-05-01T10:49:03.309-07:00सादर आभार प्रिय उर्मि दीदी🙏🙏❤❤सादर आभार प्रिय उर्मि दीदी🙏🙏❤❤रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-50896220799754035472021-04-29T06:11:43.213-07:002021-04-29T06:11:43.213-07:00लाज़बाब सृजन प्रिय रेनू।लाज़बाब सृजन प्रिय रेनू।उर्मिला सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02492149402964498738noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-69073212153676026242020-07-30T12:31:17.914-07:002020-07-30T12:31:17.914-07:00जितेंद्र जी, मुझे पता नहीं आप कविता लिखते हैं ...जितेंद्र जी, मुझे पता नहीं आप कविता लिखते हैं या नहीं, पर आप कविताओं का मर्म भली भाँति जानने में सक्षम हैं ।आपको रचना पसंद आई , जानकर बहुत संतोष हुआ ! हार्दिक आभार आपका 🙏🙏💐🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-15026415655735280022020-07-29T20:24:54.145-07:002020-07-29T20:24:54.145-07:00जब तुम ना पास होंगे
इनसे ही बाते करूँगी .
इन्हीं म...जब तुम ना पास होंगे<br />इनसे ही बाते करूँगी .<br />इन्हीं में मिलूंगी तुमसे<br />जी भर मुलाकाते करूँगी<br />शब्दों संग मेरे भीतर बस<br />मेरे साथी रूहाने रहो तुम !<br /><br />आह ! मन की तलहटी में उतर जाने वाले और फिर वहीं ठहर जाने वाले अल्फ़ाज़ निकले हैं आपकी कलम से या यूं कहूं कि आपके जज़्बात से रेणु जी । दिल भर आया पढ़कर ।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-6832118485500126652019-11-27T10:11:48.703-08:002019-11-27T10:11:48.703-08:00बहुत बहुत आभार विश्वमोहन जी | बहुत बहुत आभार विश्वमोहन जी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-89128445264171998832019-11-27T01:13:14.179-08:002019-11-27T01:13:14.179-08:00कौन जाने कब कहाँ
हो आखिरी पल इस मिलन का
शब्दों की ...कौन जाने कब कहाँ<br />हो आखिरी पल इस मिलन का<br />शब्दों की अनुगूँज ही<br />होगी अवलंबन विकल मन का<br />पुकार सुनो<br />विचलित मन की<br />ना इस दर्द से अंजाने रहो तुम !...विकल मन की संवेदना का इतना गढियाया पाग अन्यत्र दुर्लभ है। सराहना से परे।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-90826456242312091932019-10-18T09:20:21.928-07:002019-10-18T09:20:21.928-07:00सस्नेह आभार प्रिय रितु जी | सस्नेह आभार प्रिय रितु जी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-63492656223058613692019-10-16T00:49:24.615-07:002019-10-16T00:49:24.615-07:00बेहतरीन प्रस्तुति बेहतरीन प्रस्तुति Ritu asooja rishikesh https://www.blogger.com/profile/07490709994284837334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-90762588574398386062019-10-15T10:05:04.781-07:002019-10-15T10:05:04.781-07:00प्रिय आँचल , आज बहुत दिनों के बाद ब्लॉग पर तुम्...प्रिय आँचल , आज बहुत दिनों के बाद ब्लॉग पर तुम्हारी उपस्थिति ने मुझे निहाल कर दिया | स्वागत है तुम्हारा ब्लॉग पर | मैं बिलकुल ठीक हूँ | तुमने जो आधा दिन ब्लॉग के लिए दिया मेरे लिए अविस्मरणीय है | खुश रहो और ये स्नेह यूँ ही बना रहे | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-10794267771617714672019-10-15T10:01:44.753-07:002019-10-15T10:01:44.753-07:00आदरणीय पुरुषोत्तम जी , सादर आभार और शुक्रिया | आदरणीय पुरुषोत्तम जी , सादर आभार और शुक्रिया | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-42782704597788555192019-10-15T10:01:03.682-07:002019-10-15T10:01:03.682-07:00हार्दिक आभार मुखरित मौन और यशोदा दीदी |हार्दिक आभार मुखरित मौन और यशोदा दीदी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-57567385093303544222019-10-15T01:25:19.116-07:002019-10-15T01:25:19.116-07:00वाह वाह
विरह पीर की सुंदरता लिए लाजवाब,मनभावन,हृद...वाह वाह <br />विरह पीर की सुंदरता लिए लाजवाब,मनभावन,हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ आदरणीया दीदी जी। बहुत सुंदर 👌<br />बहुत समय बाद आपको पढ़ने का सौभाग्य मिला <br />कैसी हैं आप?<br />सादर नमन Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-71904934172307583562019-10-15T01:21:04.422-07:002019-10-15T01:21:04.422-07:00क्षमा करिएगा आदरणीय सर पर इस नश्वर संसार में भी वो...क्षमा करिएगा आदरणीय सर पर इस नश्वर संसार में भी वो नारायण अपना है और प्रेम रूप में सब में विद्यमान है। तो बस प्रेम से देखिए तो मित्र हो या शत्रु सब अपने है।<br />सादर नमन 🙏Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-13879002185874326812019-10-14T19:36:40.890-07:002019-10-14T19:36:40.890-07:00कौन जाने कब कहाँ
हो आखिरी पल इस मिलन का
शब्दों की ...कौन जाने कब कहाँ<br />हो आखिरी पल इस मिलन का<br />शब्दों की अनुगूँज ही<br />होगी अवलंबन विकल मन का<br /><br />बहुत ही सुंदर रचना, अविस्मरणीय ! बहुत-बहुत बधाई आदरणीया रेणु जी।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-84472299322078005642019-10-14T01:52:25.135-07:002019-10-14T01:52:25.135-07:00आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 14 अक्टूबर 2019 को साझा की गई है.........<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-46024084443044804272019-10-13T10:08:29.609-07:002019-10-13T10:08:29.609-07:00गोपाल जी मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिन...गोपाल जी मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है | रचना पर आपकी भावपूर्ण प्रतिक्रिया अनमोल है ,जिसके लिए हार्दिक आभार | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-59268504623159208252019-10-13T10:06:59.310-07:002019-10-13T10:06:59.310-07:00प्रिय कामिनी तुम्हारी प्रतिक्रिया मनोबल बढाती ह...प्रिय कामिनी तुम्हारी प्रतिक्रिया मनोबल बढाती है | किसी तकनीक खराबी के कारण बहुत सी टिप्पणियों से अनजान रही |आज अंदर से देखा तो कई टिप्पणियाँ मिली | सस्नेह आभार सखी | तुंहारा प्यार अनमोल है | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-19748871527217574752019-10-13T10:04:42.490-07:002019-10-13T10:04:42.490-07:00 मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है सुबोध जी | आपकी सार्... मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है सुबोध जी | आपकी सार्थक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार और शुक्रिया |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-66835414627848514972019-10-10T05:16:01.646-07:002019-10-10T05:16:01.646-07:00जीवन की
ढलती साँझ में
ये दुलारेंगे मुझे ,
तुम्हारे...जीवन की<br />ढलती साँझ में<br />ये दुलारेंगे मुझे ,<br />तुम्हारे ही प्रतिरूप में-<br />स्नेहवश निहारेंगे मुझे। बेजोड़ कविता।Gopal Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/04611891109435543866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-26715786707177718012019-10-09T05:44:34.314-07:002019-10-09T05:44:34.314-07:00जीवन की
ढलती साँझ में
ये दुलारेंगे मुझे ,
तुम्हारे...जीवन की<br />ढलती साँझ में<br />ये दुलारेंगे मुझे ,<br />तुम्हारे ही प्रतिरूप में-<br />स्नेहवश निहारेंगे मुझे ;<br />रीती पलकों पर मेरी<br />बन सपने सुहाने रहो तुम <br /><br />अति सुंदर सखी ,एक एक शब्द प्रीत में डूबी हुई ,स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-44213449919178266882019-09-25T04:28:23.286-07:002019-09-25T04:28:23.286-07:00"रीती पलकों पर मेरी
बन सपने सुहाने रहो तुम !&..."रीती पलकों पर मेरी<br />बन सपने सुहाने रहो तुम !"...<br />एक संवेदनशील मनुहार ...Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-27351536864194212342019-09-20T10:32:59.922-07:002019-09-20T10:32:59.922-07:00आपने ये भावपूर्ण शब्द लिखकर मेरा लिखना सार्थक कर...आपने ये भावपूर्ण शब्द लिखकर मेरा लिखना सार्थक कर दिया रोहितास जी | सादर आभार है आपका | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-44221823130760410902019-09-19T19:23:31.910-07:002019-09-19T19:23:31.910-07:00जज्बात जज्बात जज्बात
रेणु जी
मेरा ब्लॉग जगत पर काफ...जज्बात जज्बात जज्बात<br />रेणु जी<br />मेरा ब्लॉग जगत पर काफी दिनों बाद आना हुआ है.. आपकी ये रचना पढ़कर दिल बाग़ बाग़ हो गया है. इतनी प्यारी रचना के लिए आपको बधाई.<br />आजकल लिखना तो जारी है लेकिन माध्यम बदल गये हैं<br />पहले दूर से चिठ्ठियाँ आया करती थी और चिठ्ठियों को पढ़ते पढ़ते लिखने वाले का चेहरा दिखाई देने लगता था मानों वोही बोल के बतिया रहा हो. जैसा कई पुराणी फिल्मों में दिखाया भी गया है.<br />कितने ही दिनों बाद जब भी चिठ्ठी पढोगे तो पाओगे बतियाने वाला कभी वृद्ध नहीं होता, वो हमेशा तरोताज़ा रहता है... तभी तो ये वो पुकार है जो कभी नहीं बदलती, इसका लहजा नहीं बदलता, इसमें छलकती चाहत नहीं बदलती.<br /><br />पधारें- <a href="https://rohitasghorela.blogspot.com/2019/09/blog-post.html" rel="nofollow">अंदाजे-बयाँ कोई और</a>Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-49841273017994773822019-09-17T10:11:35.829-07:002019-09-17T10:11:35.829-07:00हार्दिक स्नेह और आभार सखी इस भावपूर्ण सराहना के...हार्दिक स्नेह और आभार सखी इस भावपूर्ण सराहना के लिए |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-41960633505983032832019-09-16T21:20:06.334-07:002019-09-16T21:20:06.334-07:00अप्रतिम सृजन प्रिय रेणु बहन !
कोरे कागज पर उतर कर ...अप्रतिम सृजन प्रिय रेणु बहन !<br />कोरे कागज पर उतर कर .<br />ये अमर हो जायेंगे ;<br />जब भी छन्दो में ढलेंगे ,<br />गीत मधुर हो जायेंगे ;<br />ना भूलूँ जिन्हें उम्र भर<br />बन प्रीत के तराने रहो तुम !<br />मन्त्रमुग्ध हूँ ... हर अवतरण हृदयस्पर्शी ।<br />Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.com