tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post3934577935090429787..comments2024-03-08T21:11:45.990-08:00Comments on क्षितिज : शुक्र है गाँव में ------------- कविता -- रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-44208233764380298442021-05-09T10:33:03.201-07:002021-05-09T10:33:03.201-07:00हार्दिक आभार जितेंद्र जी 🙏🙏हार्दिक आभार जितेंद्र जी 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-71858683296711935352021-05-04T20:31:51.399-07:002021-05-04T20:31:51.399-07:00आपकी इतनी पुरानी कविता यूं पढ़ी रेणु जी मानो कोई न...आपकी इतनी पुरानी कविता यूं पढ़ी रेणु जी मानो कोई नई कविता पढ़ रहा होता हूं। इंसानियत और कुदरत का घुलामिला रंग है इसमें। यह सदा सार्थक रहेगी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-8719302170244889352021-03-27T09:53:55.224-07:002021-03-27T09:53:55.224-07:00प्रिय दीदी, आपने यहाँ आकर मेरी रचना का मान बढ़ाय, ...प्रिय दीदी, आपने यहाँ आकर मेरी रचना का मान बढ़ाय, मेरे लिए गर्व की बात है। हार्दिक आभार और अभिनंदन आपका 🙏🙏🌹🌹❤❤रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-81004690564357395692021-03-27T00:08:35.015-07:002021-03-27T00:08:35.015-07:00बुजुर्ग और वृक्ष सदैव ही छाँव देते हैं । बहुत ही स...बुजुर्ग और वृक्ष सदैव ही छाँव देते हैं । बहुत ही सुंदर लिखा है । तुम्हारी लिखी हर रचना मन को छूती है ।।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-40410063556319500572020-07-30T11:20:46.653-07:002020-07-30T11:20:46.653-07:00हार्दिक आभार सुधा जी |हार्दिक आभार सुधा जी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-58192780128837816792019-05-22T09:22:45.044-07:002019-05-22T09:22:45.044-07:00प्रिय अनीता -- तुम्हारे स्नेह के लिए आभारी हूँ ...प्रिय अनीता -- तुम्हारे स्नेह के लिए आभारी हूँ |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-30405114723047214262019-05-22T09:22:01.089-07:002019-05-22T09:22:01.089-07:00प्रिय रविन्द्र जी - आपका हार्दिक आभार |प्रिय रविन्द्र जी - आपका हार्दिक आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-87738000355865431972019-05-22T09:21:07.230-07:002019-05-22T09:21:07.230-07:00सस्नेह आभार प्रिय रितु जी | सस्नेह आभार प्रिय रितु जी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-29742144417447293502019-05-22T09:20:23.945-07:002019-05-22T09:20:23.945-07:00प्रिय ज्योति जी -- हार्दिक आभार सखी |प्रिय ज्योति जी -- हार्दिक आभार सखी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-5870189892229730992019-05-22T09:19:42.297-07:002019-05-22T09:19:42.297-07:00आदरणीय विश्वमोहन जी - आपके शब्दों ने रचना पर चिंतन...आदरणीय विश्वमोहन जी - आपके शब्दों ने रचना पर चिंतन को अतुलनीय विस्तार दिया है | हार्दिक आभार और नमन |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-49671595516071603632019-05-22T06:27:20.756-07:002019-05-22T06:27:20.756-07:00बहुत सुन्दर और सार्थक रचना प्रिय रेणु दी
सादर बहुत सुन्दर और सार्थक रचना प्रिय रेणु दी <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-57063002583984088322019-05-22T00:20:54.472-07:002019-05-22T00:20:54.472-07:00भावपूर्ण, मार्मिक सृजन भावपूर्ण, मार्मिक सृजन रवीन्द्र भारद्वाजhttps://www.blogger.com/profile/02881468307370875997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-40732142777595883132019-05-21T23:18:26.902-07:002019-05-21T23:18:26.902-07:00सुन्दर भाव प्रदर्शन सुन्दर भाव प्रदर्शन Ritu asooja rishikesh https://www.blogger.com/profile/07490709994284837334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-79845856228678058452019-05-21T10:04:24.622-07:002019-05-21T10:04:24.622-07:00बेहतरीन रचना रेनू जी. गाँव का कितना सजीव चित्रण कि...बेहतरीन रचना रेनू जी. गाँव का कितना सजीव चित्रण किया है आपने. मुझे अपने गाँव की याद आ गई. ~Sudha Singh vyaghr~https://www.blogger.com/profile/13043026454798527340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-63126591400647057952019-05-20T21:31:33.614-07:002019-05-20T21:31:33.614-07:00रेणु दी, गांवों के प्रेम पूर्ण जीवन का सजीव चित्रण...रेणु दी, गांवों के प्रेम पूर्ण जीवन का सजीव चित्रण किया हैं आपने। बहुत बढ़िया।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-89898219475744623622019-05-20T10:57:58.753-07:002019-05-20T10:57:58.753-07:00वाह! मानों बरगद की छाँह में इतिहास ऊंघ रहा हो! सुं...वाह! मानों बरगद की छाँह में इतिहास ऊंघ रहा हो! सुंदर मानवीकरण।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-44993210799672386612019-05-20T10:18:42.806-07:002019-05-20T10:18:42.806-07:00प्रिय अभिलाषा बहन-- रचना यात्रा में आपके निरंतर सह...प्रिय अभिलाषा बहन-- रचना यात्रा में आपके निरंतर सहयोग के लिए आभारी रहूंगी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-33662210742079987402019-05-20T10:17:17.437-07:002019-05-20T10:17:17.437-07:00जी प्रिय कुसुम बहन आपके शब्दों से मेरी रचना विश...जी प्रिय कुसुम बहन आपके शब्दों से मेरी रचना विशिष्ट हो गयी है |आपने सच कहा वो दिन बहुत ही सुकून भरे थे जब गाँव में इस तरह भाईचारा निभाया जाता था कि गाँव के बड़े बूढ़े और सघन वृक्षों को गाँव की सांझी विरासत का प्रतीक माना जाता था जिनकी प्रबल आकांक्षा यही रहती थी कि सब लोग एक होकर प्यार से रहें | आपके स्नेह भरे शब्दों ने रचना का मोल बढ़ा दिया ह जिसके लिए आभार नहीं बस मेरा प्यार आपके लिए | |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-31510723754658966082019-05-20T10:14:29.604-07:002019-05-20T10:14:29.604-07:00बेहतरीन रचना सखीबेहतरीन रचना सखीAbhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-31701267325539373632019-05-20T10:07:15.100-07:002019-05-20T10:07:15.100-07:00हार्दिक आभार सखी कामिनी |हार्दिक आभार सखी कामिनी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-71386464467574661422019-05-20T10:06:50.040-07:002019-05-20T10:06:50.040-07:00प्रिय अनुराधा जी -- हार्दिक आभार सखी |प्रिय अनुराधा जी -- हार्दिक आभार सखी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-27699076344160142922019-05-20T07:29:26.491-07:002019-05-20T07:29:26.491-07:00वाह वाह वाह ¡¡¡
रेणु बहन वो दिन आंखों में आ गये जब...वाह वाह वाह ¡¡¡<br />रेणु बहन वो दिन आंखों में आ गये जब कस्बों और गांवों मे सब दुख सुख सांझे के होते थे बुजुर्ग बस आदरणीय होते थे ना हिन्दू ना मुस्लमान होते थे सभी के चाचा बाबा ताऊ होते थे और सब को उनसे भरपूर आशीर्वाद मिलता था बदले मे उन्हे बस सम्मान मिलता था। आपने रचना के माध्यम से बहुत सुंदर संदेश दिया है। <br />बहुत प्यारी मुल्यों वाली रचना मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-68782590741260019992019-05-20T01:57:20.291-07:002019-05-20T01:57:20.291-07:00बेहतरीन सृजन सखी बेहतरीन सृजन सखी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-91959955469514969522019-05-19T22:16:23.510-07:002019-05-19T22:16:23.510-07:00शुक्र है गाँव में इक
बरगद तो बचा है.... ब...शुक्र है गाँव में इक <br /> बरगद तो बचा है.... बेहद प्रभावशाली रचना प्रिय सखीAnuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-82244596370632438722019-05-19T21:11:11.555-07:002019-05-19T21:11:11.555-07:00आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में"...<i><b> आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार मई 20, 2019 को साझा की गई है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> पाँच लिंकों का आनन्द पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com