tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post3945620140089012046..comments2024-03-08T21:11:45.990-08:00Comments on क्षितिज : मरुधरा पर - - कविता रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger68125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-14574831448678098702021-05-01T10:36:07.223-07:002021-05-01T10:36:07.223-07:00आपकी प्रतिक्रिया से रचना पर असीम संतोष की अनुभूति ...आपकी प्रतिक्रिया से रचना पर असीम संतोष की अनुभूति हुई पुरुषोत्तम जी! सादर आभार आपके अनमोल शब्दों के लिए🙏🙏 💐💐रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-592993776333287462021-05-01T10:34:38.912-07:002021-05-01T10:34:38.912-07:00सादर आभार और अभिनंदन आदरणीय दीदी🙏🙏❤❤सादर आभार और अभिनंदन आदरणीय दीदी🙏🙏❤❤रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-62044664468837602852021-04-27T17:13:17.967-07:002021-04-27T17:13:17.967-07:00कोई था भूला भटका या लाई उसे उसकी तन्हाई?
निष...कोई था भूला भटका या लाई उसे उसकी तन्हाई? <br /> निष्ठुर बालू बंजर जान पाया कब पीर पराई? <br />भरमाया सुनहरे सैकत की आभा से <br />मन रहा ढूंढता होगा कोई छाँव सुहानी ? <br /> कौन है जिसने रेत सिन्धु मथने की ठानी?<br />अप्रतिम रचना।।। निःशब्द हूँ आदरणीया रेणु जी। बस साधुवाद दे सकता हूँ आपको। पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-48399582465995896042021-04-27T04:07:21.827-07:002021-04-27T04:07:21.827-07:00रेत सिंधु को केवल वीर मथ सकते हैं।
उन्हीं के पद च...रेत सिंधु को केवल वीर मथ सकते हैं। <br />उन्हीं के पद चिह्न न दिख कर भी दिखते हैं । <br />राजस्थान की अनेकों गाथाओं को इस रचना में समेट लिया है । बहुत सुंदर और प्रभावी सृजन । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-80812469973070034992021-02-07T08:27:16.503-08:002021-02-07T08:27:16.503-08:00आपके अनमोल शब्दों के लिए आभार अमृता जी ❤❤🙏🌹🌹आपके अनमोल शब्दों के लिए आभार अमृता जी ❤❤🙏🌹🌹रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-9263001327073074232021-02-06T22:41:36.697-08:002021-02-06T22:41:36.697-08:00अत्यंत प्रभावी एवं सशक्त सृजन ।अत्यंत प्रभावी एवं सशक्त सृजन ।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-51260884397270006932020-12-15T09:19:21.856-08:002020-12-15T09:19:21.856-08:00आदरणीय सर, आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से मन आहलादि...आदरणीय सर, आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से मन आहलादित् हुआ। सादर आभार और अभिनंदन 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-2132901652506970752020-12-06T07:12:45.236-08:002020-12-06T07:12:45.236-08:00'मन रहा ढूंढता होगा कोई छाँव सुहानी ?
कौन ह...'मन रहा ढूंढता होगा कोई छाँव सुहानी ? <br /> कौन है जिसने रेत सिन्धु मथने की ठानी?' वाह! बहुत ही सुन्दर रचना रेणु जी... अप्रतिम!Gajendra Bhatt "हृदयेश"https://www.blogger.com/profile/10602466047679507399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-61711186168279278832020-08-03T10:03:46.568-07:002020-08-03T10:03:46.568-07:00जरुर प्रिय अनंता | जितनी मेरी क्षमता है आपको हमेशा...जरुर प्रिय अनंता | जितनी मेरी क्षमता है आपको हमेशा मेरा सहयोग मिलेगा | मेरा प्यार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-23957586310668265312020-08-03T01:35:32.536-07:002020-08-03T01:35:32.536-07:00आदरणीया मैम ,
आपका यह स्नेहिल प्रोत्साहन बहुत ह...आदरणीया मैम ,<br /> आपका यह स्नेहिल प्रोत्साहन बहुत ही अमूल्य है। <br />मैं यहाँ आऊँगी, पढूँगी और लिखूंगी भी। मुझे सीखने को भी बहुत कुछ मिलेगा। जो कुछ नहीं समझ पाऊँगी, आप समझा दीजियेगा।<br />इसी तरह आप से बात चीत भी होती रहेगी। <br />ह्रदय से आभार।Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-64178533452511160072020-08-01T10:40:54.730-07:002020-08-01T10:40:54.730-07:00पिय अनंता , आपका एक बार फी से अभिनन्दन मेरे ब्लॉग ...पिय अनंता , आपका एक बार फी से अभिनन्दन मेरे ब्लॉग पर | आपने रचना की विषयवस्तु को समझा और लिखा | विस्तृत टिप्पणी लिखना आपकी लेखन क्षमता को नए आयाम देगा और हिंदी का निरंतर अभ्यास होगा |मरुधरा निश्चित रूप से संघर्ष का पर्याय मानी गयी है |पर इसके उपर भी जीवटता से भरे लोगों ने अपने पुरुषार्थ की अनगिन कहानियां अंकित की हैं |हार्दिक आभार के साथ मेरा प्यार और स्नेहाशीष आपके लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-88408948372960097722020-08-01T09:04:57.002-07:002020-08-01T09:04:57.002-07:00आदरणीया मैम,
अत्यंत सुंदर और प्रेरणादायक कविता।
यह...आदरणीया मैम,<br />अत्यंत सुंदर और प्रेरणादायक कविता।<br />यह कविता उन सभी लोगों का अभिनंदन करती है जो संघर्ष के पथ पर चले और हम सब को भी संघर्ष से न घबराने का सन्देश देती है।<br />आपका संघर्ष के पथ को मरीधर की उपमा देना बहुत ही सुंदर है क्यूंकि अधिकतर मरुभूमि को नकारात्मकता से जोड़ा जाता है।<br />आपकी यह कविता सदा ही याद रहेगी मुझे।<br />साथ ही साथ आपके स्नेह एवं प्रोत्साहन के लिये हृदय से अत्यंत आभार।Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-20659792503093561302020-07-14T10:55:05.178-07:002020-07-14T10:55:05.178-07:00आपका ये 'अद्भुत' मेरे लिए पुरस्कार से कम न...आपका ये 'अद्भुत' मेरे लिए पुरस्कार से कम नहीं , जितेन्द्र जी|ब्लॉग को अपना कीमती समय देने के लिए सादर आभार | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-61490466074695399782020-07-11T20:40:49.368-07:002020-07-11T20:40:49.368-07:00इस कविता के लिए मेरी प्रतिक्रिया एक ही शब्द में दे...इस कविता के लिए मेरी प्रतिक्रिया एक ही शब्द में दे रहा हूँ रेणु जी : अद्भुत ! जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-45182388389045065152020-07-11T11:19:47.484-07:002020-07-11T11:19:47.484-07:00प्रिय रोहित , आपने रचना पर सुंदर प्रतिक्रिया दी , ...प्रिय रोहित , आपने रचना पर सुंदर प्रतिक्रिया दी , उसपर रचना के निहितार्थ को पहचाना , जिसके लिए आभारी हूँ | रेतीले सिन्धु को मैंने कभी नहीं देखा पर एक जिज्ञासा भीतर रहती है इसके रहस्यमय अस्तित्व के प्रति | बहुत दिन बाद आप का ब्लॉग पर आना अच्छा लगा | सस्नेह - रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-7392453750059352382020-07-11T11:16:01.362-07:002020-07-11T11:16:01.362-07:00प्रिय सुधा जी , आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया हमेशा...प्रिय सुधा जी , आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया हमेशा खुद पर विश्वास बढाती है | सस्नेह आभार आपका इन स्नेहिल भावों के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-66559972253162750822020-07-10T08:57:44.551-07:002020-07-10T08:57:44.551-07:00ये सागर किसी की मंजिल का वो आख़िरी पड़ाव है या आख़िरी...ये सागर किसी की मंजिल का वो आख़िरी पड़ाव है या आख़िरी बाधा है जो सबसे मुश्किल होती है जिसके बाद मंजिल प्राप्त होती है। जिस किसी ने भी दिल्ली प्राप्त की उसने यही सागर पार करके प्राप्त की। थार को मथ कर ही तो लोगों ने ताज प्राप्त किया।<br />लग्न मीरा से ज्यादा<br />शौर्य प्रताप से ज़्यादा<br />जोगी से ज्यादा प्यास हो तो ही हिम्मत करे कोई इस को मथने की।<br />निहायती खूबसूरत<br />बेसुमार किस्से इतिहास के गुज़रे दिमाग मे।<br />अद्भुत लेखन।<br /><br /><br />Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-49711412017275809562020-06-22T03:03:02.103-07:002020-06-22T03:03:02.103-07:00कोई था भूला भटका या लाई उसे उसकी तन्हाई?
निष्...कोई था भूला भटका या लाई उसे उसकी तन्हाई? <br />निष्ठुर बालू बंजर जान पाया कब पीर पराई? <br />भरमाया सुनहरे सैकत की आभा से <br />मन रहा ढूंढता होगा कोई छाँव सुहानी ? <br />कौन है जिसने रेत सिन्धु मथने की ठानी? <br />वाह!!!!<br />कमाल का सृजन आपका रेणु जी! लाजवाब भाव...खूबसूरत बिम्ब....रेत सिन्धु का मंथन!!!!....<br />क्या बात ...निःशब्द करती रचना <br />बस लाजवाब एवं उत्कृष्ट सृजन हेतु बहुत बहुत बधाई सखी!<br />🙏🙏🙏🙏<br /><br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-70313507850181617512020-06-12T11:00:01.914-07:002020-06-12T11:00:01.914-07:00सादर आभार आदरणीय विमल जी | मेरे ब्लॉग पर आपका हा...सादर आभार आदरणीय विमल जी | मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-23339406432351677112020-06-12T10:58:57.188-07:002020-06-12T10:58:57.188-07:00सादर आभार आदरणीय सर |सादर आभार आदरणीय सर |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-33596177763565931982020-06-09T08:52:30.157-07:002020-06-09T08:52:30.157-07:00सुन्दर रचनासुन्दर रचनाविमल कुमार शुक्ल 'विमल'https://www.blogger.com/profile/16752757584209629034noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-14902702429949923662020-06-09T07:19:33.090-07:002020-06-09T07:19:33.090-07:00बेहतरीन रचना ...बेहतरीन रचना ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-55543439689242779252020-06-01T06:40:49.044-07:002020-06-01T06:40:49.044-07:00आदरणीय वर्षा जी, मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्व...आदरणीय वर्षा जी, मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है🙏🙏. रचना पर आपकी प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए सस्नेह, सादर आभार🙏🙏🌷🌷रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-5883454858241378792020-05-28T20:26:09.224-07:002020-05-28T20:26:09.224-07:00थी मीरा दीवानी तपती कृष्ण लगन में ,
या...थी मीरा दीवानी तपती कृष्ण लगन में , <br />या कोई मजनूं दीवाना जलता विरह अगन में ;<br />प्यास लिए मरुस्थल सी एक जोगी बंजारा , <br /> गाता फिरता होगा -किस्सा इश्क रूहानी !<br /> कौन है जिसने रेत सिन्धु मथने की ठानी? <br /><br />हृदयग्राही काव्य पंक्तियां.... साधुवाद रेणु जी 🌹<br />बहुत उत्तम सृजन है आपका 💐Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-25401466488438690152020-05-28T10:39:49.867-07:002020-05-28T10:39:49.867-07:00 प्रिय मीना , आपको रचना पसंद आई तो मन को संतोष ह... प्रिय मीना , आपको रचना पसंद आई तो मन को संतोष हुआ कि मेरा लिखना सफल हुआ | अपनी जन्मभूमि राजस्थान के प्रति आपके स्नेहिल उदगार मानों अतंस की गहराइयों से निकले हैं | मरुभूमि का इतिहास और वर्तमान दोनों गौरवशाली हैं | उसकी माटी का अतुल्य योगदान शब्दों में समा पाना मुमकिन नहीं | हार्दिक आभार आपकी इस अतुल्य प्रोत्साहन से भरी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.com