tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post5598231624344334139..comments2024-03-08T21:11:45.990-08:00Comments on क्षितिज : सुनो ! मन की व्यथा--------- कविता रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-70743664443183503242021-02-26T08:53:17.984-08:002021-02-26T08:53:17.984-08:00हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय अर्पिता जी ❤❤🙏🌹🌹हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय अर्पिता जी ❤❤🙏🌹🌹रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-46354344752472675722021-02-10T03:34:36.066-08:002021-02-10T03:34:36.066-08:00ये रेगिस्तान मायूसी के -
इन जैसी कोई प्यास कहा...ये रेगिस्तान मायूसी के -<br /> इन जैसी कोई प्यास कहाँ ? <br />तकती है आँखे राह तुम्हारी -<br />तुम बिन इनमें कोई आस कहाँ ? <br /><br />सुंदर पंक्तियों से सजी रचना मन को दस्तक देती हुई..मन जैसा कुछhttps://www.blogger.com/profile/03267889928959025169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-27225715294069637932018-05-03T10:41:38.705-07:002018-05-03T10:41:38.705-07:00प्रिय प्रकाश --------- सादर आभार -आपका जो आपने ...प्रिय प्रकाश --------- सादर आभार -आपका जो आपने रचना पढ़ा |- रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-48133905474182480492018-04-03T02:06:30.159-07:002018-04-03T02:06:30.159-07:00👏👏👏👏 लाजवाब। कितना सुन्दर तरिके से शब्दों का प...👏👏👏👏 लाजवाब। कितना सुन्दर तरिके से शब्दों का प्रयोग किया है आपने । भाव का तो कहना नही! अप्रतिम ।Prakash Sahhttps://www.blogger.com/profile/04882608306436611902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-85442203727812783202018-03-28T18:57:46.599-07:002018-03-28T18:57:46.599-07:00सुन्दर रचना जो दिल को गहरे से छूती है .सुन्दर रचना जो दिल को गहरे से छूती है .Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-4198319370513071432018-03-28T10:14:44.316-07:002018-03-28T10:14:44.316-07:00प्रिय कुसुम जी सस्नेह आभार आपका | प्रिय कुसुम जी सस्नेह आभार आपका | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-42456624030354677392018-03-28T10:13:37.466-07:002018-03-28T10:13:37.466-07:00प्रिय देशवाली जी -- बहुत ही हृदयस्पर्शी भावों के ...प्रिय देशवाली जी -- बहुत ही हृदयस्पर्शी भावों के साथ आपकी रचना सयुक्त परिवार का एक मार्मिक चित्र प्रस्तुत करती है | लिखते रहिये बल्कि अपने ब्लॉग पर लिखकर शेयर करिये | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-68389455638990404452018-03-28T10:10:13.373-07:002018-03-28T10:10:13.373-07:00आदरणीय सर -- मेरे ब्लॉग पर आपका आना मेरा सौभाग्य ...आदरणीय सर -- मेरे ब्लॉग पर आपका आना मेरा सौभाग्य !!!!! आपके सराहना भरे शब्द बहुत प्रेरक और अनमोल है | सादर आभार और नमन | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-54431553742840002672018-03-28T10:08:23.996-07:002018-03-28T10:08:23.996-07:00आदरणीय दिगम्बर जी -- रचना पर आपके गहन चिंतन ने रच...आदरणीय दिगम्बर जी -- रचना पर आपके गहन चिंतन ने रचना के भावों को विस्तार दिया है |आप जैसे काव्य मर्मज्ञ की सराहना मेरा सौभाग्य है | सादर आभार और नमन | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-37785915386152755292018-03-28T10:04:44.643-07:002018-03-28T10:04:44.643-07:00प्रिय शकु -- नारी मन की वेदना एक जैसी होती है | आप...प्रिय शकु -- नारी मन की वेदना एक जैसी होती है | आपके शब्द मेरी रचना की सार्थकता दर्शाते हैं | सस्नेह आभार आपका |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-58166466427384320982018-03-28T10:03:17.582-07:002018-03-28T10:03:17.582-07:00 आदरणीय दिग्विजय जी ------ आपके सहयोग के लिए सादर... आदरणीय दिग्विजय जी ------ आपके सहयोग के लिए सादर आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-26011987077818737902018-03-28T09:59:47.692-07:002018-03-28T09:59:47.692-07:00आदरणीय लोकेश जी -- आपके प्रेरणा भरे शब्द अनमोल है...आदरणीय लोकेश जी -- आपके प्रेरणा भरे शब्द अनमोल है | सादर आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-72607606849782366942018-03-28T09:58:46.397-07:002018-03-28T09:58:46.397-07:00प्रिय ध्रुव -- आपके सहयोग के लिए ऋणी हूँ आपकी | प्रिय ध्रुव -- आपके सहयोग के लिए ऋणी हूँ आपकी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-74072034771746057662018-03-28T09:58:01.212-07:002018-03-28T09:58:01.212-07:00प्रिय नीतू जी ----- आपके सहयोग के लिए सस्नेह आभार...प्रिय नीतू जी ----- आपके सहयोग के लिए सस्नेह आभार आपका |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-8991708749289229712018-03-28T09:56:51.565-07:002018-03-28T09:56:51.565-07:00प्रिय दीपाली -- आभारी हूँ आपकी | प्रिय दीपाली -- आभारी हूँ आपकी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-65553140351985712782018-03-28T09:56:10.941-07:002018-03-28T09:56:10.941-07:00प्रिय पल्लवी जी -- सस्नेह आभार रचना का अंतर्निहित...प्रिय पल्लवी जी -- सस्नेह आभार रचना का अंतर्निहित भाव पहचानने के लिए | स्नेह बनाये रखिये | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-41281262758148391172018-03-28T09:54:09.370-07:002018-03-28T09:54:09.370-07:00 आदरणीय सुधा जी --- आपके शब्द मेरे लिए अनमोल हैं... आदरणीय सुधा जी --- आपके शब्द मेरे लिए अनमोल हैं | सादर आभार और नमन | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-36081647809689218722018-03-28T09:52:26.560-07:002018-03-28T09:52:26.560-07:00आदरणीय पुरुषोत्तम जी -- आपके उत्साही शब्दों के लिए...आदरणीय पुरुषोत्तम जी -- आपके उत्साही शब्दों के लिए आभार कहना पर्याप्त नहीं | यही उत्साह मेरे लेखन की संजीवनी है | आपके शब्द हमेशा की तरह अनमोल है | सादर ------ रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-88598352261319575042018-03-28T09:49:01.478-07:002018-03-28T09:49:01.478-07:00बहुत ख़ूबसूरत अहसास और उनकी प्रभावी अभिव्यक्ति....बहुत ख़ूबसूरत अहसास और उनकी प्रभावी अभिव्यक्ति....Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-59793804532183899642018-03-27T02:05:52.479-07:002018-03-27T02:05:52.479-07:00सुनो ! मन की व्यथा कथा -
समझो मन के जज्बात मेर...सुनो ! मन की व्यथा कथा -<br />समझो मन के जज्बात मेरे ,<br />कभी झाँकों इस सूने मन में -<br /> रुक कुछ पल साथ मेरे !<br />इतनी सुंदर रचना !!!!! पर मैं ही इसे पढने से वंचित!!!!! आपकी इस कल्पनाशीलता के पंखों पर मैं उडान भरने लग गया हूं। आपकी लेखनी को नमन।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-68145054122241237312018-03-26T10:54:32.188-07:002018-03-26T10:54:32.188-07:00बहुत ही खूबसूरत एहसास...
नारी मन की विरह व्यथा का ...बहुत ही खूबसूरत एहसास...<br />नारी मन की विरह व्यथा का सुन्दर और सादगी से शब्द चित्रण....<br />वाह!!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-50290477875654863242018-03-26T09:14:08.047-07:002018-03-26T09:14:08.047-07:00
उन्ही मन की अनजानी गलियों में -
फिर अजनबी ब...<br />उन्ही मन की अनजानी गलियों में -<br /> फिर अजनबी बन आ जाओ तुम ;<br /> इन विचलित प्राणों में मेरे -<br /> बन बादल छा जाओ तुम |<br />एक स्त्री के उम्रभर की व्यथा कथा बहुत ही सरलता से आपने शब्दों में पिरो दी ।<br />सस्नेह ।<br /><br /><br />पल्लवी गोयल https://www.blogger.com/profile/03623783654571298097noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-3385261839999161502018-03-26T03:30:45.766-07:002018-03-26T03:30:45.766-07:00बहुत सुंदर रचना रेणु जीबहुत सुंदर रचना रेणु जीDeepalee thakurhttps://www.blogger.com/profile/00641314124931707399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-570317073795330662018-03-25T22:36:01.998-07:002018-03-25T22:36:01.998-07:00 अहसास
शाम का वक्त था
घर के आंगन में
माहौल खुशनुम... अहसास<br /><br />शाम का वक्त था<br />घर के आंगन में<br />माहौल खुशनुमा था<br />सब बहुत खुश थे<br /><br />आज कई अरसे बाद सारे भाई एक साथ<br />मां बाप के पास बैठे थे गुफ्तगू हो रही थी<br /><br />गिले शिकवे होने लगे<br />आवाजें ऊंची होने लगी<br />पास बैठी मां घबरा गई<br />हाथ उठे..या अल्लाह<br />मेरे बेटे आपस में ना लड़ें ..देशवालीhttps://www.blogger.com/profile/09399363512978258811noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-84798876483910083962018-03-25T21:54:37.384-07:002018-03-25T21:54:37.384-07:00वाह !!! बहुत खूब .सुंदर .. शानदार रचना
अप्रतीम भाव...वाह !!! बहुत खूब .सुंदर .. शानदार रचना<br />अप्रतीम भाव <br />NITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.com