tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post7737886329020759446..comments2024-03-29T02:14:17.831-07:00Comments on क्षितिज : जीवन बोध रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger62125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-11780990634853644522023-03-08T08:11:03.008-08:002023-03-08T08:11:03.008-08:00सादर आपका |सादर आपका |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-80446721036667507192022-10-20T05:05:18.222-07:002022-10-20T05:05:18.222-07:00आपका आभार हार्दिक स्वागत है मेरे ब्लॉग पर 🙏आपका आभार हार्दिक स्वागत है मेरे ब्लॉग पर 🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-16318429926660612312022-10-20T05:04:18.852-07:002022-10-20T05:04:18.852-07:00आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीय सर 🙏🙏आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीय सर 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-53537666144398057862022-10-19T21:11:40.481-07:002022-10-19T21:11:40.481-07:00दीपावली की शुभकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति व अनुपम रच...दीपावली की शुभकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति व अनुपम रचना। Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-1300596972554451362022-10-07T07:06:34.020-07:002022-10-07T07:06:34.020-07:00उत्तम सृजन....उत्तम सृजन....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-39368696765161169102022-09-10T09:16:36.645-07:002022-09-10T09:16:36.645-07:00ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है प्रिय रुपा जी।आपकी...ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है प्रिय रुपा जी।आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूँ 🙏🌺🌺रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-41879139628931199322022-09-10T09:15:31.737-07:002022-09-10T09:15:31.737-07:00सादर आभार और प्रणाम आदरनीय सर 🙏🙏सादर आभार और प्रणाम आदरनीय सर 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-20352430019839489552022-09-10T09:14:56.121-07:002022-09-10T09:14:56.121-07:00आपका हार्दिक स्वागत है प्रिय अमृता जी।आपकी यहाँ उप...आपका हार्दिक स्वागत है प्रिय अमृता जी।आपकी यहाँ उपस्थिति से बहुत सन्तोष हुआ।🙏🌺🌺रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-33445362922551105682022-09-10T09:13:46.883-07:002022-09-10T09:13:46.883-07:00सादर अभिनंदन प्रिय मीना जी।रचना के मर्म को स्पष्...सादर अभिनंदन प्रिय मीना जी।रचना के मर्म को स्पष्ट करती प्रतिक्रिया के लिए सस्नेह आभार 🙏🌺🌺रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-31197226170032206252022-09-10T07:06:03.496-07:002022-09-10T07:06:03.496-07:00सुंदर भाव
खूबसूरत प्रस्तुति!!सुंदर भाव<br />खूबसूरत प्रस्तुति!!Rupa Singhhttps://www.blogger.com/profile/01854409611932530170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-81450026787453286662022-09-09T04:24:50.123-07:002022-09-09T04:24:50.123-07:00भावपूर्ण और प्रभावी रचना
बहुत सुंदर
बधाईभावपूर्ण और प्रभावी रचना <br />बहुत सुंदर<br />बधाईJyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-49650085816097822522022-09-08T02:20:45.597-07:002022-09-08T02:20:45.597-07:00इस शाश्वत प्रेम (बोध) में बस तन्मय ही हुआ जा सकता ...इस शाश्वत प्रेम (बोध) में बस तन्मय ही हुआ जा सकता है... शब्दों के पार होकर......Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-18471490669927428062022-09-05T19:56:15.295-07:002022-09-05T19:56:15.295-07:00श्रृंगार के संयोग और वियोग पक्ष के साथ सांसारिक नश...श्रृंगार के संयोग और वियोग पक्ष के साथ सांसारिक नश्वरता के भावों का अनूठा समन्वय लिए मनोहर सृजन रेणु जी ! अनुपम और अभिनव सृजन के लिए आपको बहुत बहुत बधाई 🌹Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-30917838298722927662022-08-29T09:43:25.472-07:002022-08-29T09:43:25.472-07:00हार्दिक आभार आपका प्रिय मनोज जी 🙏🌺🌺हार्दिक आभार आपका प्रिय मनोज जी 🙏🌺🌺रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-50790310481274207012022-08-29T09:42:48.985-07:002022-08-29T09:42:48.985-07:00प्रिय जिज्ञासा जी,मूल रचना से कहीं सुन्दर और भावपू...प्रिय जिज्ञासा जी,मूल रचना से कहीं सुन्दर और भावपूर्ण रचना है आपकी। एक अभिनव अनुराग सिक्त और मोहक अनुभूतियों सेसजी आपकी ये प्रस्तुति , मेरे ब्लॉग पर एक स्नेहिल उपहार के रूप में रहेगी। आभार नहीं ढेरों प्यार और शुभकामनाएं 🌺🌺🌹🌹♥️रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-45327961273211410332022-08-29T09:36:11.561-07:002022-08-29T09:36:11.561-07:00प्रिय सुधा जी,एक जीवन यात्रा को शब्दों में पिरोने ...प्रिय सुधा जी,एक जीवन यात्रा को शब्दों में पिरोने की कोशिश की है।आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया सदैव ही विशेष रहती है। रचना के मर्म को छूते भावों के लिये हार्दिक आभार आपका 🌺🌺🌹🌹🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-53835617770549988352022-08-29T09:33:18.280-07:002022-08-29T09:33:18.280-07:00हार्दिक आभार है आपका दिगम्बर जी 🙏🙏हार्दिक आभार है आपका दिगम्बर जी 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-15147830706891153242022-08-29T09:32:13.819-07:002022-08-29T09:32:13.819-07:00हार्दिक आभार ओंकार जी 🙏🙏हार्दिक आभार ओंकार जी 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-68508262493724906502022-08-28T02:08:47.497-07:002022-08-28T02:08:47.497-07:00मगन झूमी कस भुजबंध में,
जाने अभिसार के रंग सभी ...मगन झूमी कस भुजबंध में,<br />जाने अभिसार के रंग सभी !<br />शाश्वत प्रेम में हो तन्मय, <br />जी ली, जी भर उमंग सभी!<br /> परवाह की ना बेरंग दुनिया की,<br />सजाये स्वप्न नवीन सदा !<br />.... सुंदर सात्विक प्रेम की अनन्य परिभाषा ! मेरी रचना की पंक्तियां आपकी सुंदर रचना को समर्पित है <br /><br />पिया मोहे मत दीजो जंजाल ।<br />प्रेम बिना मोरा मनवाँ सूना<br />तन निर्धन कंगाल ॥<br /><br />ऐसे सरस छवि मन बस जाए<br />और न माँगे कुछ ये ।<br />आँचल भर जब सृष्टि निहारे<br />भरे कोख सरबस ये ॥<br />तन की मिट गई मन की मिट गई<br />मिट गया क्लेश का काल ।<br />पिया मोहे मत दीजो जंजाल ॥<br /><br />अगध अगाध सिंधु औ सरिता<br />सब नैनन के वासी ।<br />छोड़ि बसे मन ये जग सारा<br />मन में बसे जब कासी ॥<br />ऐसे हृदय औ नेह की भूखी<br />यहि नैहर ससुराल ।<br />पिया मोहे मत दीजो जंजाल ॥<br /><br />जिज्ञासा सिंह जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-49317681764006164892022-08-27T22:21:51.895-07:002022-08-27T22:21:51.895-07:00सुन्दर सृजनसुन्दर सृजनMANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13231334683622272666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-67516087318576045442022-08-25T05:50:44.811-07:002022-08-25T05:50:44.811-07:00
मगन झूमी कस भुजबंध में,
जाने अभिसार के रंग सभी...<br />मगन झूमी कस भुजबंध में,<br />जाने अभिसार के रंग सभी !<br />शाश्वत प्रेम में हो तन्मय, <br />जी ली, जी भर उमंग सभी!<br /> परवाह की ना बेरंग दुनिया की,<br />सजाये स्वप्न नवीन सदा !<br />प्रेम की इस सघन तन्मयता में विरह और विछोह कितना दारुण होगा सृष्टि के इस नियम का खण्डन तो पाठक भी असह्य होकर कर रहे हैं ...<br />दुख दारुण विदा की बेला का,<br />है सृष्टि का अटल नियम !<br />माटी की देह बनकर माटी, <br />माटी में हुई विलीन सदा !!<br />सघन प्रेममय मिलन और फिर दारुण दुख भरा विछोह एक साथ दोनों का एहसास करवाना सिर्फ आपकी लेखनी की ही कला है ।<br />बहुत दिनों बाद पर हमेशा की तरह बहुत ही लाजवाब सृजन ।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-19095715813117577302022-08-25T00:59:25.947-07:002022-08-25T00:59:25.947-07:00प्रेम और समर्पण भाव में पगी सुंदर रचना … नारी मन क...प्रेम और समर्पण भाव में पगी सुंदर रचना … नारी मन की कोमल भावनाएँ, प्रेम और त्याग भाव वैसे भी प्रबल रहता है और आपने विरह के पल, विदा के पल में बखूबी रचा है उन्हें . एक कमाल की रचना …दिगम्बर नासवाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-43730593115186571722022-08-25T00:13:46.870-07:002022-08-25T00:13:46.870-07:00सुंदर सृजनसुंदर सृजनOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-28053066380172693502022-08-24T09:46:05.144-07:002022-08-24T09:46:05.144-07:00पाँच लिंक मंच और आपका हार्दिक आभार रवींद्र भाई 🙏पाँच लिंक मंच और आपका हार्दिक आभार रवींद्र भाई 🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-7515717614215817072022-08-24T09:45:05.746-07:002022-08-24T09:45:05.746-07:00शशि भैया,एक अन्तराल के बाद आप मेरे ब्लॉग पर आये,आप...शशि भैया,एक अन्तराल के बाद आप मेरे ब्लॉग पर आये,आपका बहुत- बहुत स्वागत है ।आपकी रचना के मर्म को छूती प्रतिक्रिया पाकर अच्छा लगा।हार्दिक आभार है आपका 🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.com