tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post8544307705120626672..comments2024-03-08T21:11:45.990-08:00Comments on क्षितिज : ना शत्रु बन प्रहार करो --कविता [ एक वृक्ष की व्यथा -] रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger61125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-47272430255150049752022-05-09T10:12:17.102-07:002022-05-09T10:12:17.102-07:00आपका हार्दिक स्वागत और आभार प्रिय दीदी 🙏🙏आपका हार्दिक स्वागत और आभार प्रिय दीदी 🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-85817758436738679482022-05-03T10:40:59.749-07:002022-05-03T10:40:59.749-07:00उत्साहवर्धन हेतु आभार और अभिनंदन प्रिय जिज्ञासा जी...उत्साहवर्धन हेतु आभार और अभिनंदन प्रिय जिज्ञासा जी ❤❤🌺🌺रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-76472802086848518102022-05-03T10:39:57.738-07:002022-05-03T10:39:57.738-07:00हार्दिक आभार प्रिय श्वेता ❤🌺हार्दिक आभार प्रिय श्वेता ❤🌺रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-29926347623095385452022-04-26T01:16:42.156-07:002022-04-26T01:16:42.156-07:00सदियों से पोषक हूँ सबका
कृतघ्न बन ना दो धोखा...सदियों से पोषक हूँ सबका <br /> कृतघ्न बन ना दो धोखा ,<br />निष्प्राण नही निःशब्द हूँ मैं<br /> कहूँ कैसे अपने मन की व्यथा ?<br /> जड़ नही चेतन हूँ मैं<br />दुखता है मन मेरा भी !!...<br />प्रकृति को पोषित करता एक दृढसंकल्पित मन की व्यथा ।<br />जितनी बार पढ़ो। प्रकृति संरक्षण की प्रेरणा देती उत्कृष्ट रचना ।एक बार पुनः बधाई आपको ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-48967895592034086842022-04-22T02:46:05.608-07:002022-04-22T02:46:05.608-07:00लेकिन मनुष्य तो कृतघ्न बना बैठा है । प्रेरक रचना ।...लेकिन मनुष्य तो कृतघ्न बना बैठा है । प्रेरक रचना । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-61091280151824477462022-04-21T07:16:36.869-07:002022-04-21T07:16:36.869-07:00जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २२ अप्रैल २०२२ ...जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना शुक्रवार २२ अप्रैल २०२२ के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />सादर<br />धन्यवाद।<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-26442483276619267152021-04-03T10:06:14.267-07:002021-04-03T10:06:14.267-07:00 प्रिय अनंता , इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए ... प्रिय अनंता , इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए `हार्दिक आभार और अभिनन्दन | तुम्हारी काव्य रसिकता को देखकर बहुत अच्छा लगता है | सदैव खुश रहो | हार्दिक प्यार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-41025051620131699742021-04-03T10:04:58.443-07:002021-04-03T10:04:58.443-07:00 आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए `हार्दिक आभार और... आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए `हार्दिक आभार और अभिनन्दन विमल भाई रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-4910566833579425702021-04-03T10:04:31.882-07:002021-04-03T10:04:31.882-07:00प्रिय पम्मी जी , हार्दिक आभार आपका |प्रिय पम्मी जी , हार्दिक आभार आपका |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-60434741816727928432021-04-03T10:03:56.388-07:002021-04-03T10:03:56.388-07:00उषा जी , ब्लॉग पर आपको देखकर बहुत ख़ुशी हुई | आपकी...उषा जी , ब्लॉग पर आपको देखकर बहुत ख़ुशी हुई | आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए `हार्दिक आभार और अभिनन्दन |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-61287553156510488362021-04-03T10:03:16.488-07:002021-04-03T10:03:16.488-07:00 प्रिय जिज्ञासा जी , आपकी सारगर्भित और स्नेहिल ... प्रिय जिज्ञासा जी , आपकी सारगर्भित और स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए `हार्दिक आभार और अभिनन्दन |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-48338509028390875392021-03-22T18:35:47.083-07:002021-03-22T18:35:47.083-07:00आदरणीया मैम, अत्यंत भावपूर्ण कविता। पुनः पढ़ कर और ...आदरणीया मैम, अत्यंत भावपूर्ण कविता। पुनः पढ़ कर और पांच लिंकों के आनंद पर इसे देख कर बहुत आनंद हुआ। बहुत- बहुत सुंदर है यह कविता। आपजे द्वारा मेरी प्रिय रचनाओं में से एक है।Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-19344154316419281142021-03-22T11:43:53.267-07:002021-03-22T11:43:53.267-07:00बहुत खूब श्वेता, तुम्हारी पक्तियाँ रचना के भावों क...बहुत खूब श्वेता, तुम्हारी पक्तियाँ रचना के भावों का विस्तार है। बहुत -बहुत आभार और प्यार। ❤❤🌹🌹रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-66771119785037573952021-03-22T03:59:34.251-07:002021-03-22T03:59:34.251-07:00किसी मूक मन को समझ सकना आप जैसे सामर्थ्यवान रचनाका...किसी मूक मन को समझ सकना आप जैसे सामर्थ्यवान रचनाकार ही कर सकते हैं।विमल कुमार शुक्ल 'विमल'https://www.blogger.com/profile/16752757584209629034noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-17957083553917726892021-03-21T23:37:19.693-07:002021-03-21T23:37:19.693-07:00सारगर्भित संदेशात्मक खूबसूरत रचना।सारगर्भित संदेशात्मक खूबसूरत रचना।Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-24443988409008592252021-03-21T22:05:32.145-07:002021-03-21T22:05:32.145-07:00खाए ना कभी अपने फल मैंने -
न फूलों से श्रंगार किया...खाए ना कभी अपने फल मैंने -<br />न फूलों से श्रंगार किया ,<br />जग हित हुआ जन्म मेरा...बहुत खूबउषा किरणhttps://www.blogger.com/profile/14723538513393658010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-6581027469851549232021-03-21T20:29:17.579-07:002021-03-21T20:29:17.579-07:00
कसता नदियों के तटबंध मैं -
थामता मैं ही हिमालय...<br />कसता नदियों के तटबंध मैं -<br /> थामता मैं ही हिमालय को ,<br />जुगत मेरी कायम रहे सृष्टि -<br />महकाता मैं ही देवालय को ;<br /> तुम संग बचपन में लौटूं -<br /> संग गोरी खिलता यौवन मेरा भी !...प्रिय रेणु जी,बहुत खूबसूरती से आपने मनुष्य,प्रकृति,तथा ईश्वर,सबको यह अहसास दिला दिया कि ये सृष्टि की सांसों के देवता पेड़,पौधे और वनस्पतियां ही हैं,आपकी महान भावना को नमन ।एवम नव सृजन के लिए ढेरों शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।<br />जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-52337728661022141162021-03-21T19:14:24.010-07:002021-03-21T19:14:24.010-07:00प्रिय दी,
आपकी रचना संवेदनओं की कल-कल बहती निर्झरी...प्रिय दी,<br />आपकी रचना संवेदनओं की कल-कल बहती निर्झरी है।<br />प्रकृति से ही मानव का अस्तित्व है यह बात मनुष्य समझकर नासमझ और स्वार्थी बनता है।<br />बेहद सारगर्भित संदेशात्मक रचना।<br />-----<br />पेड़ों को काटकर कंक्रीट के जंगल बोना,<br />छायाविहीन धरा,सूखते तट पर व्याकुल छौना ,<br />जंगलों के विदीर्ण ठूँठ पर रोती है चिड़िया<br />भविष्य रेतीला, संदेहास्पद तेरा या मेरा होना।<br /><br /> -----<br />बहुत शुभकामनाएं मेरी और अशेष बधाई दी।<br />सस्नेह<br />सादर।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-52777890338062066532021-03-21T18:23:19.298-07:002021-03-21T18:23:19.298-07:00पुन: नमन व बधाई आदरणीया रेणु जी।पुन: नमन व बधाई आदरणीया रेणु जी।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-38418990579091970112020-08-23T10:30:00.756-07:002020-08-23T10:30:00.756-07:00तुमने सच कहा प्रिय अनंता , वृक्ष इस धरती माँ की आत...तुमने सच कहा प्रिय अनंता , वृक्ष इस धरती माँ की आत्मा है | इनके बिना धरा पर जीवन संकट में पड़ जाएगा | रचना के भावों को विस्तार देती टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार और शुभकामनाएं|रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-61866503015890177462020-08-23T00:30:39.839-07:002020-08-23T00:30:39.839-07:00आदरणीया मैम ,
बहुत ही भावपूर्ण व सुंदर संदेश देती...आदरणीया मैम ,<br />बहुत ही भावपूर्ण व सुंदर संदेश देती हुई कविता। वृक्ष इस धरती की आत्मा हैं , यदि यह नहीं होंगे तो इस धरती पर कोई और जीव नहीं बचेगा। ये वृक्ष ही हैं जो वर्षा को भी निमंत्रित करते हैं , इनके बिना जल भी नहीं होगा। यदि मानव इस धरती पर न हो, तो भी प्रकृति पहल फूल सकती है पर यदि प्रकृति न हो तो मानव जीवित नहीं बच सकता। ह्रदय से आभार व सादर नमन। Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-719064421024394802020-08-02T10:57:12.313-07:002020-08-02T10:57:12.313-07:00सादर आभार रविन्द्र जी |सादर आभार रविन्द्र जी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-14814949860293887462020-08-02T10:56:41.514-07:002020-08-02T10:56:41.514-07:00सादर आभार ओंकार जी सादर आभार ओंकार जी रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-16039022894904082372020-08-02T10:56:15.401-07:002020-08-02T10:56:15.401-07:00सादर आभार जितेन्द्र जी | आपको रचना पसंद आई मन क...सादर आभार जितेन्द्र जी | आपको रचना पसंद आई मन को संतोष हुआ |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-66816509636825162632020-08-01T21:23:01.332-07:002020-08-01T21:23:01.332-07:00बहुत अच्छी रचना है रेणु जी यह आपकी । 'मैं मिटा...बहुत अच्छी रचना है रेणु जी यह आपकी । 'मैं मिटा तुम भी ना रहोगे' - एक ठोस सच्चाई ।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.com