tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post8908827286980450962..comments2024-03-08T21:11:45.990-08:00Comments on क्षितिज : चाँद नगर सा गाँव तुम्हारा ----- कविता ---रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger47125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-67005505143186007572021-03-21T09:14:58.579-07:002021-03-21T09:14:58.579-07:00प्रिय ज्योति जी, ब्लॉग पर आपका हार्दिक अभिनंदन है।...प्रिय ज्योति जी, ब्लॉग पर आपका हार्दिक अभिनंदन है। ब्लॉग पर आपके आने से मन आह्लादित है। कोटि आभार आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए। रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-72327220631189751882021-03-21T05:15:49.604-07:002021-03-21T05:15:49.604-07:00बहुत ही खूबसूरत चाँद की तरह ही, लाजवाब, ढेरों बधाई...बहुत ही खूबसूरत चाँद की तरह ही, लाजवाब, ढेरों बधाई होज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-68862053094043989272021-02-26T08:54:39.705-08:002021-02-26T08:54:39.705-08:00सादर आभार और अभिनंदन आलोक जी🙏🙏 💐💐सादर आभार और अभिनंदन आलोक जी🙏🙏 💐💐रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-27477236273196580612021-02-26T06:50:46.819-08:002021-02-26T06:50:46.819-08:00बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना |बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना |आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-50190746593847114812021-02-22T09:38:32.797-08:002021-02-22T09:38:32.797-08:00समीर जी, अभी देख पाई। कृतज्ञ हूँ!! कोटि आभार। मेरे...समीर जी, अभी देख पाई। कृतज्ञ हूँ!! कोटि आभार। मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है,आपके यहाँ पधारने से आज मुझे असीम गर्व की अनुभूति हो रही है! गदगद हूँ! पुनः आभार🙏🙏 💐💐रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-25987551042638174722021-02-22T09:00:36.159-08:002021-02-22T09:00:36.159-08:00तुम ! वाणी रूप और शब्द रूप ,
स्नेही मन- सखा मेर...तुम ! वाणी रूप और शब्द रूप ,<br /> स्नेही मन- सखा मेरे ; <br /> बांधे रखते स्नेह - डोर में -<br /> तुम्हारे सम्मोहन के घेरे ; <br />थाम इन्हें जीवन-पार कहीं -<br />आ तुममें मिल जाऊंगी मैं -<br />चाँद नगर सा गाँव तुम्हारा - <br />भला ! कैसे पहुँच पाऊँगी मैं ?<br /><br />-वाह!! क्या बात है!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-26127024890674021942021-02-13T01:58:20.003-08:002021-02-13T01:58:20.003-08:00प्रिय अर्पिता, आपके स्नेह के लिए आभार कहना बहुत छो...प्रिय अर्पिता, आपके स्नेह के लिए आभार कहना बहुत छोटा शब्द है। ये साथ बनाये रखिये ❤❤🙏🌹🌹रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-40321125924446114892021-02-13T00:11:10.434-08:002021-02-13T00:11:10.434-08:00कोमल, अनुरागी, आभार से भरी आपकी रचना अति मनमोहक है...कोमल, अनुरागी, आभार से भरी आपकी रचना अति मनमोहक है..<br />प्रिय रेणु जी..अनुरागित मन लिए यू ही मन के गीत रचते रहें..ईश्वर से प्रार्थना सहित शुभ दिवस..मन जैसा कुछhttps://www.blogger.com/profile/03267889928959025169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-91458090360962994892019-07-30T10:08:31.966-07:002019-07-30T10:08:31.966-07:00सादर आभार आदरणीय शिवम् जी | सादर आभार आदरणीय शिवम् जी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-81580625960280094182019-07-29T06:57:34.531-07:002019-07-29T06:57:34.531-07:00ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 29/07/2019 की बुलेटिन, &q...ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 29/07/2019 की बुलेटिन, <a href="https://bulletinofblog.blogspot.com/2019/07/2019_29.html" rel="nofollow"> "ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019(छतीसवां दिन)कविता “ </a> , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-48657791118767172782019-03-19T09:34:11.873-07:002019-03-19T09:34:11.873-07:00आदरणीय दिगम्बर जी -- दूसरी बार मेरी रचना का मान बढ़...आदरणीय दिगम्बर जी -- दूसरी बार मेरी रचना का मान बढ़ाने के लिए आपकी हार्दिक आभारी हूँ |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-36246926945834080602019-03-19T09:33:03.831-07:002019-03-19T09:33:03.831-07:00आप दोनों का हार्दिक आभार |आप दोनों का हार्दिक आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-77342164907813028922019-03-19T09:32:29.243-07:002019-03-19T09:32:29.243-07:00रूपचन्द्र शास्त्री मयंक18 मार्च 2019 को 4:52 am
आप...<br /> रूपचन्द्र शास्त्री मयंक18 मार्च 2019 को 4:52 am<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-03-2019) को "मन के मृदु उद्गार" (चर्चा अंक-3279) पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />Anuradha chauhan18 मार्च 2019 को 9:43 am<br />बहुत ही बेहतरीन और प्यारी रचना सखी<br /><br /> रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-65199429448790284612019-03-19T07:16:19.139-07:002019-03-19T07:16:19.139-07:00मन सरोबर हो गया इस रचना को फिर से पढ़ कर ... नेह, स...मन सरोबर हो गया इस रचना को फिर से पढ़ कर ... नेह, सादगी, हल्का सा दर्द विरह ... अनेक भावों को मिश्रित कर के बुनी है रचना जो सहज ही दिल को छूती है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-18979643039909535842019-03-18T09:17:14.950-07:002019-03-18T09:17:14.950-07:00प्रिय कामिनी -- उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए सस्न...प्रिय कामिनी -- उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए सस्नेह आभार सखी रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-15043383088485367192019-03-18T09:16:15.003-07:002019-03-18T09:16:15.003-07:00सादर आभार राकेश जी |सादर आभार राकेश जी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-47127709112485160912019-03-18T04:23:52.673-07:002019-03-18T04:23:52.673-07:00 तुम ! वाणी रूप और शब्द रूप ,
तुम ! स्नेही मन- सख... तुम ! वाणी रूप और शब्द रूप ,<br />तुम ! स्नेही मन- सखा मेरे ; <br /> बांधे रखते स्नेह - डोर में -<br /> तुम्हारे सम्मोहन के घेरे ; <br />थाम इन्हें जीवन-पार कहीं -<br />आ तुममें मिल जाऊंगी मैं -<br />बहुत सुंदर ,सराहना से परे ,प्रेम की संवेदनाओ से लबरेज़ ,लाजबाब सखी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-76807378626063764542019-03-17T19:24:44.497-07:002019-03-17T19:24:44.497-07:00प्रेम को समर्पित सुन्दर भावपूर्ण रचना.प्रेम को समर्पित सुन्दर भावपूर्ण रचना.RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI'https://www.blogger.com/profile/14562043182199283435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-66574333858420937592019-03-17T10:49:11.119-07:002019-03-17T10:49:11.119-07:00amansingh charan's profile photo
amansingh cha...amansingh charan's profile photo<br />amansingh charan<br />+1<br />Beautiful post<br />3d<br />Renu's profile photo<br />Renu<br />हार्दिक आभार प्रिय अमन |<br />रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-76999772310965871212018-02-25T08:41:43.560-08:002018-02-25T08:41:43.560-08:00आदरणीय दिगम्बर जी आपने रचना के अंतर्निहित भाव की...आदरणीय दिगम्बर जी आपने रचना के अंतर्निहित भाव की बड़ी ही सुंदर विवेचना की है जिसके लिए आभारी हूँ आपकी |आपके प्रेरक शब्द अनमोल हैं | सादर नमन | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-87247101029495488802018-02-25T01:37:46.193-08:002018-02-25T01:37:46.193-08:00चाँद प्रेम का प्रतीक ही और हर प्रेमी का गाँव है जह...चाँद प्रेम का प्रतीक ही और हर प्रेमी का गाँव है जहाँ प्रेम की पींग बढ़ा कर ही पहुँचा जाता है ...<br />वाणी रूप प्रेम शब्द आकार सब प्रेम ही है ...<br />सुंदर रचना है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-79621003570004873782018-02-23T09:32:33.285-08:002018-02-23T09:32:33.285-08:00आदरणीय लोकेश जी -- सादर आभार | आदरणीय लोकेश जी -- सादर आभार | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-15080576453243678682018-02-23T09:31:48.456-08:002018-02-23T09:31:48.456-08:00प्रिय हेम-- सबसे पहले मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक ...प्रिय हेम-- सबसे पहले मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ | रचना पर अपनी पसंद जताने के लिए आपका सस्नेह आभार | ब्लॉग पर आपका सहयोग बना रहेगा ऐसी आहसा है | | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-15193669357122928752018-02-18T02:06:20.466-08:002018-02-18T02:06:20.466-08:00बहुत शानदारबहुत शानदारLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-30862311657013390562018-02-16T20:48:02.892-08:002018-02-16T20:48:02.892-08:00अद्भुत लेखन, अद्भुत लेखन, Hemrajsingh Rajputhttps://www.blogger.com/profile/14241999687373313007noreply@blogger.com