tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post8975152704830711779..comments2024-03-08T21:11:45.990-08:00Comments on क्षितिज : बुद्ध की यशोधरा -- कविता | रेणुhttp://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comBlogger69125tag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-45252130418620639182021-06-06T10:16:07.228-07:002021-06-06T10:16:07.228-07:00सादर आभार और अभिनन्दन भारती जी | सादर आभार और अभिनन्दन भारती जी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-10822144986265224132021-06-06T10:15:25.963-07:002021-06-06T10:15:25.963-07:00प्रिय दीदी, आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए सस्नेह...प्रिय दीदी, आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए सस्नेह आभार | आपका ब्लॉग पर नियमित भ्रमण से अपार ख़ुशी होती है | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-22803811776154348362021-06-06T10:14:19.609-07:002021-06-06T10:14:19.609-07:00आदरणीय गोपेश जी , आप जैसे विद्वान इतिहासविद का र...आदरणीय गोपेश जी , आप जैसे विद्वान इतिहासविद का रचना पर गंभीर चिंतन मेरे लिए अमूल्य है | आप इतिहास के उत्तम जानकार है और ये भी जानते होंगे कि बुद्ध के घर से पलायन के विषय में अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं | कोई कहानी कहती है उन्होंने , ज्ञान की तलाश में जाने के लिए यशोधरा को सोती छोड़ दिया था तो कोई कहानी यशोधरा के बुद्ध को स्वेच्छा से जाने देने की बात कहती है | हां , यशोधरा पर त्याग और बलिदान थोपा गया लगता है पर मुझे लगता है यशोधरा सर्वसमर्थ नारी थी | वह एक समृद्ध राज्य की राजकुमारी और संपन्न प्रान्त की राजवधू थी | वह चाहती तो बुद्ध को बलात वापिस आने के लिए बाध्य कर सकती थी पर उसने बुद्ध के ज्ञान की तलाश को महत्व देते हुए उनकी तलाश नहीं करवाई |यह उसके चरित्र का विराट मानवीय पक्ष है | क्योंकि उसे कहीं ना कहीं पता होगा कि सिद्धार्थ गौतम किस प्रवृति के इंसान थे | औ प्रचलित कथाओं में से एक के अनुसार स्वेच्छा से जाने देने वाली पत्नी के रूप में यशोधरा का मानवता पर अतुलनीय उपकार है | इस दशा में उनका त्याग और समर्पण नितांत सराहनीय और पूजनीय है | आपकी इस अनमोल प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूँ | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-49244664538446348802021-05-27T01:59:33.887-07:002021-05-27T01:59:33.887-07:00बहुत सुंदर,ऐसी रचनाएं ऐतिहासिक बन जाती हैबहुत सुंदर,ऐसी रचनाएं ऐतिहासिक बन जाती हैBharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-78851269588413999512021-05-27T00:48:20.814-07:002021-05-27T00:48:20.814-07:00बहुत गहन भाव लिए यशोधरा के मन को पढ़ते हुए लिखे ।
...बहुत गहन भाव लिए यशोधरा के मन को पढ़ते हुए लिखे । <br />सुंदर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति । <br />मैंने भी तथागत और यशोधरा पर कुछ लिखा था । देखती हूँ । लिंक शेयर करूँगी मिल गयी तो ।।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-70958797930057015712021-05-26T19:23:27.252-07:002021-05-26T19:23:27.252-07:00बहुत सुन्दर कविता ! किन्तु मेरा यह मानना है कि यशो...बहुत सुन्दर कविता ! किन्तु मेरा यह मानना है कि यशोधरा पर त्याग और बलिदान थोपे गए थे. राजकुमार सिद्धार्थ ने उसके साथ अन्याय किया था किन्तु सिद्धार्थ के बुद्ध बनने के बाद उस अन्याय को महिमामंडित करने के लिए उसे यशोधरा का त्याग बताया गया.गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-39584165686754651662020-08-06T10:16:13.453-07:002020-08-06T10:16:13.453-07:00प्रिय अनंता , तुमने इस रचना को पढ़कर अपने अनन्य सा...प्रिय अनंता , तुमने इस रचना को पढ़कर अपने अनन्य साहित्य प्रेम का परिचय दिया है | आपकी मम्मी और नानी को रचना पसंद ई , ये मेरा सौभाग्य है | |दोनों को मेरा सस्नेह आभार और शुभकामनाएं| यशोधरा इतिहास की एक करुण पात्र हैं जो सदा मेरे लिए प्रेरणा रही हैं | निकट भविष्य मेंउन पर एक लेख भी लिखने की इच्छा है | तुम्हें बहुत आभार और प्यार इतनी सुंदर स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-53621386761523449542020-08-06T03:35:53.459-07:002020-08-06T03:35:53.459-07:00आदरणीया मैम,
माता यशोधरा को समर्पित बहुत ही सुंदर ...आदरणीया मैम,<br />माता यशोधरा को समर्पित बहुत ही सुंदर भावपूर्ण कविता। माँ यशोधरा की पीड़ा और महानता, दोनों का इतना सुंदर वर्णन, पढ़ कर उनके प्रति मन नतमस्तक हो गया। पर मुझे जो आपकी कविता में सब से अच्छा लगा की आपने उन्हें केवल एक पति वियोग में दुखी स्त्री नहीं दिखाया पर उनकी अध्यात्म बद्धि और आत्मबल का वर्णन किया। बहुत ही प्रेरणादायक कविता मैम, प्रेरणा और दृढ़ता के भाव से बरी हुई रचना है। मन आनंदित हो गया।<br />हृदय से अत्यंत आभार उस सुंदर रचना के लिये। माँ और नानी को भी पढ़ कर सुनाया, उन्हें भी आपकी कविता बहुत अच्छी लगी।Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-52723285759985930172019-03-20T10:37:15.894-07:002019-03-20T10:37:15.894-07:00प्रिय ज्योति जी सस्नेह आभार |प्रिय ज्योति जी सस्नेह आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-62760042598371585912019-03-20T10:36:46.244-07:002019-03-20T10:36:46.244-07:00प्रिय अनिता आपके मधुर शब्दों के लिए हार्दिक आभार |...प्रिय अनिता आपके मधुर शब्दों के लिए हार्दिक आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-35439515917359399272019-03-20T08:08:03.609-07:002019-03-20T08:08:03.609-07:00यशोधरा की व्यथा को बहुत ही खूबसूरत शब्दों में व्यक...यशोधरा की व्यथा को बहुत ही खूबसूरत शब्दों में व्यक्त किया हैं आपने रेणु दी। बहुतभी सुंदर।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-33181271618060067232019-03-18T09:58:57.634-07:002019-03-18T09:58:57.634-07:00बहुत सुन्दर रेणु दी 👌
हृदय नारी के प्रेम अंकुर सी...बहुत सुन्दर रेणु दी 👌<br />हृदय नारी के प्रेम अंकुर सींचे निष्ठा छोर .....अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-13122258578160794952019-03-18T09:31:47.074-07:002019-03-18T09:31:47.074-07:00प्रिय ज्योति जी -- आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर |आ...प्रिय ज्योति जी -- आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर |आपको रचना पसंद आई मेरा सौभाग्य | सस्नेह आभार | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-64276295458485122752019-03-18T09:30:06.452-07:002019-03-18T09:30:06.452-07:00आदरणीय सुशील जी --सादर आभार |आदरणीय सुशील जी --सादर आभार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-12196095721432841322019-03-18T09:28:46.436-07:002019-03-18T09:28:46.436-07:00बहुत ही सही लिखा आपने अभिलाषा बहन | सस्नेह आभार आप...बहुत ही सही लिखा आपने अभिलाषा बहन | सस्नेह आभार आपके सुंदर शब्दों के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-28378504072677071072019-03-18T09:27:31.542-07:002019-03-18T09:27:31.542-07:00हार्दिक आभार प्रिय रविन्द्र जी |हार्दिक आभार प्रिय रविन्द्र जी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-33354058333724900872019-03-18T09:27:06.339-07:002019-03-18T09:27:06.339-07:00प्रिय सुधा जी -- हार्दिक आभारी हूँ इन स्नेहिल उद...प्रिय सुधा जी -- हार्दिक आभारी हूँ इन स्नेहिल उद्गारों के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-65893755468286920412019-03-18T09:24:47.009-07:002019-03-18T09:24:47.009-07:00प्रिय कामिनी -- इस स्नेह के लिए कोई आभार नहीं बस म...प्रिय कामिनी -- इस स्नेह के लिए कोई आभार नहीं बस मेरा स्नेह सखी | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-12138979262475754042019-03-18T09:24:01.966-07:002019-03-18T09:24:01.966-07:00प्रिय कुसुम बहन -- आपके स्नेह भरे शब्द मेरे लिए...प्रिय कुसुम बहन -- आपके स्नेह भरे शब्द मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं | आपने रचना पर आकर दुबारा लिखने का समय निकाला और रचना का मान बढ़ाया | उसके लिए आभार नहीं बस मेरा प्यार रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-77111543772709682332019-03-18T09:21:38.004-07:002019-03-18T09:21:38.004-07:00प्रिय शुभा बहन -- आपके इस स्नेहासिक्त विश्वास का ...प्रिय शुभा बहन -- आपके इस स्नेहासिक्त विश्वास का हार्दिक अभिनन्दन और साथ में मेरा प्यार |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-17823190560879540462019-03-18T09:20:00.773-07:002019-03-18T09:20:00.773-07:00प्रिय श्वेता -- पांच लिंकों के सहयोग के लिए सदैव ...प्रिय श्वेता -- पांच लिंकों के सहयोग के लिए सदैव आभारी रहूंगी |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-12302747481550731042019-03-18T07:30:01.222-07:002019-03-18T07:30:01.222-07:00वाह....बहुत खूब .....बेहतरीन सृजन आदरणीया वाह....बहुत खूब .....बेहतरीन सृजन आदरणीया रवीन्द्र भारद्वाजhttps://www.blogger.com/profile/02881468307370875997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-36002599768911083262019-03-18T04:59:57.982-07:002019-03-18T04:59:57.982-07:00बहुत ही उत्कृष्ट सृजन है ये आपका रेणु जी...अनन्त श...बहुत ही उत्कृष्ट सृजन है ये आपका रेणु जी...अनन्त शुभकामनाएं.. Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-445427460489414832019-03-18T01:54:15.052-07:002019-03-18T01:54:15.052-07:00बुद्ध का अंतस भी भीगा होगा --
देख तुम्हारा सूना...बुद्ध का अंतस भी भीगा होगा -- <br />देख तुम्हारा सूना तन - मन<br />चिर विरहणी, अनंत मन -जोगन -- <br />विरह अग्न में तप हुई कुंदन ! !<br />करुणा में बुद्ध की सराबोर हो <br />तू बनी अनंत महाभागा !<br />प्रिये रेणु ,तुम्हारी रचनाये जितनी बार पढ़ो आत्मविभोर कर देती है मैंने तो तुम्हारी रचना पर पहले भी टिप्पणी की थी लेकिन आज भी वाह -वाह करने से खुद को रोक नहीं पाई ,लाजबाब ,तुम्हारी लेखनी यूँ ही चलती रहे यही प्रार्थना हैं. Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1384928638569874312.post-47687052480552078782019-03-17T22:11:35.511-07:002019-03-17T22:11:35.511-07:00प्रिय रेणु बहन हालांकि मेरी टिप्पणी यहां पहले से म...प्रिय रेणु बहन हालांकि मेरी टिप्पणी यहां पहले से मौजूद है फिर भी कुछ रचनाएं जब पढ़ो आत्मा को झकझोर देती है,कालजयी समय की परीधी से ऊपर और मुह से वाह निकले बिना नही रहता।<br />अप्रतिम अद्भुत। मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.com