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शनिवार, 2 जून 2018

रूहानी प्यार --------- कविता --

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हुए  रूहानी प्यार के
कर्ज़दार  हम ,
रखेगें इसे दिल में
सजा  संवार हम   !!

 बदल जायेंगे जब  
 सुहाने  ये  मन के मौसम , 
 तनहाइयों में साँझ की
 घुटने लगेगा दम,   
खुद को बहलायेंगें 
इसको निहार हम !!

  इस प्यार की क्षितिज पे
  रहेंगी टंकी कहानियां  ,
    लेना ढूंढ   तुम वहीँ     -
 विस्मृत ये निशानियाँ -
   आँखों से  बह उठेगे 
बन अश्रु की  धार  हम !!

 हर शाम हर  सुबह  में -
 मांगेगे हर दुआ में-
ठुकरायेगी जो दुनिया -
 आयेंगे तेरी  पनाह में 
हर  सांस संग रहेंगे 
तेरे तलबगार हम !!!

रहेगी  ये खुमारी -
मिटेगी हर दुश्वारी -
भले ना   जुड़  सके हम  
जुड़ेंगी   रूहें  हमारी
और फिर  मिलेंगे   
 जीवन  के   पार हम! 

स्वरचित -- रेणु--
चित्र -- गूगल से साभार -- 
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रेणु जी बधाई हो!,

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