मेरी प्रिय मित्र मंडली

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विशेष रचना

आज कविता सोई रहने दो !

आज  कविता सोई रहने दो, मन के मीत  मेरे ! आज नहीं जगने को आतुर  सोये उमड़े  गीत मेरे !   ना जाने क्या बात है जो ये मन विचलित हुआ जाता है ! अना...