मेरी प्रिय मित्र मंडली

शनिवार, 13 मई 2023

वीतरागी माँ


उसी प्यार से एक बार फिर 
बैठ के मुझे  निहारो माँ
मेरी लाड़ो मेरी चन्दा 
कह फिर आज पुकारो माँ
 
आँखों में   व्याप्त  अजनबीपन 
तनिक भी  तो  ना भाता  माँ
यूँ विरक्त हो जाना तेरा 
बरबस दिल दहलाता माँ 
रखो  हाथ जरा सर पे 
ममता से मुझे दुलारो माँ !


थी कभी जीवटता की  मूर्त  
क्यों अब पग थके-थके से हैं!
जो कहना है झट से कह दो 
जो होठों पर शब्द रुके-से हैं!
धीर ना धरता व्याकुल मनुवा 
सीने से लगा पुचकारो माँ !


विरह-विगलित मन को
सदा सहलाया माँ तुमने!
जब सबने  ठुकराया उस पल 
गले लगाया माँ तुमने!
बिखर रही हूँ तिनका -तिनका 
आ फिर मुझे संवारो  माँ !

 


मंगलवार, 10 जनवरी 2023

माँ हिन्दी तू ही परिचय मेरा!

 

सभी को अन्तर्राष्ट्रीय  हिन्दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं 🙏🙏🌹🌹

तुझ बिन रह जाती अधूरी-सी 

माँ हिन्दी तू ही परिचय मेरा 

तूने ही मिलाया  खुद से 

तू है स्नेहिल प्रश्रय मेरा!


प्रीत राग गाऊँ तुझ संग 

सृजन का आधार तुम ही!

समर्पित अरूप-अनाम को जो 

हो पावन  मंगलाचार तुम ही!

तुम सागर और सरिता सी मैं 

आ तुझमें हुआ विलय मेरा!


माधुर्य कण्ठ का है तुझसे ,

तेरा शब्द-शब्द  है यश मेरा !

ढल कविता में जो बह निकला 

तू  अलंकार, नवरस मेरा!

अतुलकोश  सहेज भावों का 

है कृतज्ञ बड़ा हृदय मेरा!



तुलसी के हिय बसी तू ही 

सूर  का तू ही भ्रमर गीत!

अनकही पीर मीरा की तू 

रचती जो प्रेम की नवल रीत!

मुझसे भी अटूट  बंधन तेरा 

तुझ पर गौरव अक्षय मेरा!

माँ हिन्दी तू ही परिचय मेरा!

🙏🙏

विशेष रचना

पुस्तक समीक्षा और भूमिका --- समय साक्षी रहना तुम

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