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बुधवार, 8 दिसंबर 2021

पुस्तक प्रकाशन -' समय साक्षी रहना तुम '



मां सरस्वती को नमन करते हुए ,मेरे सभी स्नेही पाठवृंद को मेरा सादर और सप्रेम अभिवादन। आप सभी के साथ, अपनी पहली पुस्तक ' समय साक्षी रहना तुम ' के प्रकाशन का, सुखद सामाचार साझा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। आप सभी के  सहयोग और प्रोत्साहन से ही  इस काव्य-संग्रह  का प्रकाशन संभव हो सका है, जिसके लिए आप सभी का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। शब्द नगरी से शुरू होने वाली मेरी रचना-यात्रा कभी पुस्तक प्रकाशन तक पहुंच पायेगी, ये सोचा नहीं था। उन सभी सहयोगियों को धन्यवाद कहना चाहूंगी , जिन्होने बारम्बार पुस्तक प्रकाशित करवाने की प्रेरणा दी ।आदरणीय सरोज दहिया जी को विशेष आभार जिन्होने  अपने कुशल संपादन में, काव्य संग्रह की त्रुटियों को सुधारने में स्नेहिल योगदान दिया।अंत में, आदरणीय विश्वमोहन जी को हृदय से प्रणाम करती हूं, उन्होंने अपनी यशस्वी लेखनी से मेरी साधारण-सी पुस्तक की भावपूर्ण भूमिका लिखकर इसे असाधारण बना दिया। इसके लिए उनकी सदैव कृतज्ञ रहूंगी। 

आशा है मेरे ब्लॉग की तरह ही इस पुस्तक को भी आप सभी का स्नेह प्राप्त होगा। आप सभी को पुनः आभार और प्रणाम 🙏🙏

 

विशेष रचना

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आज  कविता सोई रहने दो, मन के मीत  मेरे ! आज नहीं जगने को आतुर  सोये उमड़े  गीत मेरे !   ना जाने क्या बात है जो ये मन विचलित हुआ जाता है ! अना...