
'पावन , निर्मल प्रेम सदा ही -- रहा शक्ति मानवता की , जग में ये नीड़ अनोखा है - जहाँ जगह नहीं मलिनता की ;; मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है |
मेरी प्रिय मित्र मंडली
शनिवार, 16 जून 2018
शनिवार, 9 जून 2018
घर से भागी बेटी के नाम --
इज्जत की चादर ओढ़ के तुम
हो गयी किन अंधियारों में गुम ?
ना हो ये चादर तार- तार
लौट आओ बस एक बार,
चौखट जो लाँघ गई थी तुम
खुला अभी है उस का द्वार-
आ ! पौ फटने से पहले
रख दो पिताकी लाज का भ्रम!
पूछेगा जब कोई कल
कहूँगा क्या ?कहाँ है तू ?
बोलेंगी ना दीवारें घर की
हवा कह देगी जहाँ है तू;
मिलाऊँगा कैसे नजर खुद से ?
झुक जायेंगे मेरे गर्वित नयन !!
मौन दीवारें , है स्तब्ध आँगन,
बस बज साँसों के तार रहे ,
चौकें आहट पे विकल मन
पल- पल तुम्हें पुकार रहे ;
ना जाने रखे थामे कैसे
ये आँखों के उमड़े सावन !!
जन्म लिया जब से तुमने -
माँ ने सपन संजोये ,
घर द्वार से विदा हो तू
माँ ख़ुशी के आँसू रोये ,
बो जाए आँगन धान दुआ के
ले जाए आशीषों का मधुबन!!
तू कोमल फूल है इस घर का
पली ममता के आँचल में ;
दुनिया की धूप बड़ी तीखी
झुलसा देगी तुम्हें पल में ;
भरोसे पे धोखा खा न जाना
ना कर लेना पलकें नम !!
गाऊँ मगलगान करूँ हल्दी उबटन
रचा मेहंदी , पहना बिछुवे , कंगन .
ओढ़ा कर चुनर शगुनों की
भेजूँ तेरे घर, संग साजन ,
ना बोझिल होना दुःख से लाडो !
ना पछताना पूरा जीवन !!
इज्जत की चादर ओढ़ के तुम -
हो गयी किन अंधियारों में गुम ?
शनिवार, 2 जून 2018
रूहानी प्यार --------- कविता --
हुए रूहानी प्यार के
कर्ज़दार हम ,
रखेगें इसे दिल में
सजा संवार हम !!
बदल जायेंगे जब
सुहाने ये मन के मौसम ,
तनहाइयों में साँझ की
घुटने लगेगा दम,
खुद को बहलायेंगें
इसको निहार हम !!
इस प्यार की क्षितिज पे
रहेंगी टंकी कहानियां ,
लेना ढूंढ तुम वहीँ -
विस्मृत ये निशानियाँ -
आँखों से बह उठेगे
बन अश्रु की धार हम !!
हर शाम हर सुबह में -
मांगेगे हर दुआ में-
ठुकरायेगी जो दुनिया -
आयेंगे तेरी पनाह में
हर सांस संग रहेंगे
तेरे तलबगार हम !!!
रहेगी ये खुमारी -
मिटेगी हर दुश्वारी -
भले ना जुड़ सके हम
रहेगी ये खुमारी -
मिटेगी हर दुश्वारी -
भले ना जुड़ सके हम
जुड़ेंगी रूहें हमारी
और फिर मिलेंगे
जीवन के पार हम!
स्वरचित -- रेणु--
चित्र -- गूगल से साभार --
=============================================
==============================================
स्वरचित -- रेणु--
चित्र -- गूगल से साभार --
=============================================
रेणु जी बधाई हो!,
आपका लेख - (रूहानी प्यार ----- कविता ------------- ) आज के विशिष्ट लेखों में चयनित हुआ है | आप अपने लेख को आज शब्दनगरी के मुख्यपृष्ठ (www.shabd.in) पर पढ़ सकते है |
|
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
विशेष रचना
आज कविता सोई रहने दो !
आज कविता सोई रहने दो, मन के मीत मेरे ! आज नहीं जगने को आतुर सोये उमड़े गीत मेरे ! ना जाने क्या बात है जो ये मन विचलित हुआ जाता है ! अना...
