कभी अलविदा ना कहना तुम
मेरे साथ यूँ ही रहना तुम !
तुम बिन थम जाएगा साथी ,
मधुर गीतों का ये सफर ;
रूँध कंठ में दम तोड़ देगें
आत्मा के स्वर प्रखर ;
बसना मेरी मुस्कान में नित
ना संग आँसुओं के बहना तुम
तुम ना होंगे ,हो जायेगी गहरी
भीतर की तन्हाईयां,
टीसती विकल करेंगी
यादों की ये परछाईयाँ
गहरे भंवर में संताप के
देखो !ना डुबो देना तुम !
निःशब्द रह सहेज लेना
अक्षय स्नेहकोष मेरा,
रखना याद ये स्नेहिल पल
भुला देना हर दोष मेरा ;
दूर आँखों से हो जाओं
ये सजा कभी मत देना तुम !
मेरे साथ यूँ ही रहना तुम!
कभी अलविदा ना कहना तुम!!
(**चित्र - गूगल से साभार, **)
(**चित्र - गूगल से साभार, **)