मेरी प्रिय मित्र मंडली

शुक्रवार, 18 मार्च 2022

किसने रंग दीना डाल सखी ?

 


पीला, हरा,गुलाबी, लाल सखी!
किसने रंग दीना डाल सखी  ? 

मोहक चितवन, चंचल नयना, 
अधरों पर रुके -रुके बयना!
ये जादू ना किसी अबीर में था
सब प्रेम ने किया कमाल सखी! 

क्यों इतनी मुग्ध हुई गोरी? 
कर सकी ना जो जोराजोरी, 
यूँ बही प्रीत गंगधार नवल
सुध- बुध खो हुई निहाल सखी!


कलान्त  हृदय हुआ शान्त,
महक उठा प्रेमिल एकान्त !
दो प्राण हो बहे एकाकार
बिसरे  जग के जंजाल सखी!


चित्र-गूगल से साभार 

विशेष रचना

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