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*************विश्व जल दिवस पर ********
***प्रार्थना हर उस नदी के लिए जो अपने क्षेत्र की गंगा है***
[ लघु कविता -मेरे ब्लॉग मीमांसा से ]
'पावन , निर्मल प्रेम सदा ही -- रहा शक्ति मानवता की , जग में ये नीड़ अनोखा है - जहाँ जगह नहीं मलिनता की ;; मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है |
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***प्रार्थना हर उस नदी के लिए जो अपने क्षेत्र की गंगा है***
[ लघु कविता -मेरे ब्लॉग मीमांसा से ]
आज कविता सोई रहने दो, मन के मीत मेरे ! आज नहीं जगने को आतुर सोये उमड़े गीत मेरे ! ना जाने क्या बात है जो ये मन विचलित हुआ जाता है ! अना...