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शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

सरस्वती वंदना

🌷🌷सभी साहित्य प्रेमियों को बसन्त पंचमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं🙏🙏🌷🌷🙏🙏


मां सरस्वती, मैं सुता तुम्हारी ,

हूँ  हीन छंद , रस, अलंकार से माँ !

फिर भी  भर दी  गीतों से झोली 

ना भेजा खाली निज द्वार से माँ !

 

हाथ उठा ना माँगा कुछ तुमसे 

बैठ कभी ना ध्याया  माँ ,

पर वंचित ना रखा तुमने   

करुणा के  उपहार  से  माँ !

 

 रहे शुद्धता मन ,वाणी ,कर्म में  

रखना निष्पक्ष  कवि -धर्म मेरा .

भावों में रहे सदा  शुचिता 

दूर रहूँ अहंकार से माँ !



संवाहक बनूँ सद्भावों  की 

रचूँ  प्रेम के भाव अमिट, 

भर बुद्धि -ज्ञान  के दर्प-गर्व में   

बचूँ व्यर्थ की रार से माँ !



यही आंकाक्षा  मन में मेरे 

रहूँ बन प्रिय संतान तुम्हारी !

 ग्लानि कोई ना शेष हो भीतर 

 जब  जाऊँ संसार से माँ !

🙏🙏🙏

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