हुए रूहानी प्यार के
कर्ज़दार हम ,
रखेगें इसे दिल में
सजा संवार हम !!
बदल जायेंगे जब
सुहाने ये मन के मौसम ,
तनहाइयों में साँझ की
घुटने लगेगा दम,
खुद को बहलायेंगें
इसको निहार हम !!
इस प्यार की क्षितिज पे
रहेंगी टंकी कहानियां ,
लेना ढूंढ तुम वहीँ -
विस्मृत ये निशानियाँ -
आँखों से बह उठेगे
बन अश्रु की धार हम !!
हर शाम हर सुबह में -
मांगेगे हर दुआ में-
ठुकरायेगी जो दुनिया -
आयेंगे तेरी पनाह में
हर सांस संग रहेंगे
तेरे तलबगार हम !!!
रहेगी ये खुमारी -
मिटेगी हर दुश्वारी -
भले ना जुड़ सके हम
रहेगी ये खुमारी -
मिटेगी हर दुश्वारी -
भले ना जुड़ सके हम
जुड़ेंगी रूहें हमारी
और फिर मिलेंगे
जीवन के पार हम!
स्वरचित -- रेणु--
चित्र -- गूगल से साभार --
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स्वरचित -- रेणु--
चित्र -- गूगल से साभार --
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रेणु जी बधाई हो!,
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