मेरी प्रिय मित्र मंडली

मंगलवार, 14 जुलाई 2020

ये तेरी मुस्कान लाडली,- कविता



 लाख करोड़ों पर भारी है
ये तेरी मुस्कान लाडली, 
तू है मेरे जिगर का टुकडा
तू है मेरी जान लाडली ! 

तू आशा की कल्प वल्लरी,
तुझसे मेरा संसार सजा,
सपनें मेरे भरें  उड़ानें
और तू आसमान लाडली! 

तनिक दूर जो होती मुझसे
आँखें  मेरी  तुझको  ढूँढें ;
सब हों पर -बिन तेरे लगता 
यह जीवन वीरान लाडली ! 

धूप तुम्हारी हँसी -ख़ुशी की ,
भरती आँगन में  उजियारा ,
निश्छ्ल  वाणी  मन सहलाती 
जीना है आसान  लाडली ! 

आज कहें सब बिटिया  मेरी
करूँ प्रार्थना वो दिन आये
तेरे नाम से नाम हो मेरा
बन मेरी पहचान लाडली !


विशेष रचना

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