'पावन , निर्मल प्रेम सदा ही -- रहा शक्ति मानवता की , जग में ये नीड़ अनोखा है - जहाँ जगह नहीं मलिनता की ;; मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है |
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मंगलवार, 12 सितंबर 2017
पेड़ ने पूछा चिड़िया से- कविता
पेड़ ने पूछा चिड़िया से .
जो फूल में गंध बन कर बसता,
यही कलरव सुन कर के
माधुर्य का पर्याय बन
चिड़िया बोली-
मन बैरागी , आत्मगर्वा
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