'पावन , निर्मल प्रेम सदा ही -- रहा शक्ति मानवता की , जग में ये नीड़ अनोखा है - जहाँ जगह नहीं मलिनता की ;; मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है |
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सोमवार, 5 दिसंबर 2022
प्रेम
प्रेम तू सबसे न्यारा .
शब्दातीत, कालातीत,
मीठा ना तुझसा छ्न्द कोई.
आन मिले अनजान पथिक-सा
चित्र -पाँच लिंक से साभार
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