🙏🙏🌷🌷🙏🙏सेना दिवस के शुभ अवसर पर देश के वीर बांकुरों को शत- शत नमन, जो रण में वीर हैं तो विपदकाल में धीर हैं 🙏🙏🌷🌷🙏🙏
निर्भय हूँ और राष्ट्र को
आश्वासन देता निर्भय का ,
मृत्यु -पथ का राही मैं
चिर अभिलाषी अमर विजय का!
मिटा दूँ शत्रु नराधम को
जो छुप के घात लगाता ,
पल में डालूँ चीर
जब आँख से आँख मिलाता ,
टकराऊँ तूफानों से
मैं झोंका प्रचंड प्रलय का !
माटी मांगे खून
झट से कर्तव्य निभाता,
मातृभूमि की बलिवेदी पर ,
हँस अपना शीश चढ़ाता,
नश्वर जीवन से मोह कैसा ?
नियत पल अनंत विलय का !
मंजुल भाव लिए भीतर
फौलादी ये तन मेरा ,
भूला अपनों को इस धुन में
देशहित सर्वस्व समर्पण मेरा ,
वरण कर चला सतपथ का
ना सर झुके हिमालय का
मृत्यु -पथ का राही मैं
चिर अभिलाषी अमर विजय का!
मृत्यु -पथ का राही मैं
जवाब देंहटाएंचिर अभिलाषी अमर विजय का!
एक सैनिक के मन के भावों को बखूबी शब्द दिए हैं ।।देश के हर सैनिक को मेरा नमन ।
सादर आभार और अभिनंदन प्रिय दीदी।🙏🙏🌷🌷
हटाएंवरण कर चला सतपथ का
जवाब देंहटाएंना सर झुके हिमालय का
मृत्यु -पथ का राही मैं
चिर अभिलाषी अमर विजय का!
वीर सैनिकों के मन में उमड़ते भावों की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति सखी।
सस्नेह आभार और अभिनंदन प्रिय अनुराधा जी 🙏🌷🌷❤️❤️
हटाएंमंजुल भाव लिए भीतर
जवाब देंहटाएंफौलादी ये तन मेरा ,
भूला अपनों को इस धुन में
देशहित सर्वस्व समर्पण मेरा ,
वरण कर चला सतपथ का
ना सर झुके हिमालय का
मृत्यु -पथ का राही मैं
चिर अभिलाषी अमर विजय का!..
..वीर सैनिकों के मन के भाव को जिस सहजता से आपने व्यक्त किया, हर सैनिक यही सोच के, सेना में जाता है और देश के लिए अमर विजय कामना करता है.. सैनिकों को समर्पित बहुत सुंदर भावों से भरी रचना ।
सारगर्भित प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय जिज्ञासा जी 🙏🌷🌷❤️❤️
हटाएंसैनिक दिवस पर सैनिकों के लिए लिखे सुंदर उद्गार, हमारे वीर सबकुछ लुटा कर देश रक्षा हित अग्रसर रहते हैं।
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव सृजन रेणु बहन।
सैनिक दिवस पर वीर सैनिकों को हृदय से नमन और अनंत आभार।
सस्नेह आभार और अभिनंदन प्रिय कुसुम बहन। आपकी उपस्थिति सदैव मन को सुकून प्रदान करती है 🙏🌷🌷❤️❤️
हटाएंसैनिक दिवस पर वीर सैनिकों के मनोभावों को व्यक्त करती बहुत ही सुंदर रचना, रेणु दी। वीर सैनिकों को हृदय से नमन।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार और अभिनंदन प्रिय ज्योति जी 🙏🌷🌷❤️❤️
हटाएंमिटा दूँ शत्रु नराधम को
जवाब देंहटाएंजो छुप के घात लगाता ,
पल में डालूँ चीर
जब आँख से आँख मिलाता ,
टकराऊँ तूफानों से
मैं झोंका प्रचंड प्रलय का !
वाह!!!
सैनिकों के सम्मान में सैनिक दिवस पर बहुत ही प्रेरक लाजवाब सृथन
हार्दिक आभार प्रिय सुधा जी । आपकी वाह मन में उत्साह का संचार करती हैं।🙏🌷🌷❤️🌷
हटाएंअरे वाह दी क्या सुंदर भाव उकेरे हैं।
जवाब देंहटाएंलाज़वाब रचना।
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मृत्यु के पहले
मृत्यु का अभिलाषी हूँ।
कंटक रिपुओं के पथ का
मातृभूमि का हृदयानिवास हूँ।
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सैनिकों के सम्मान में कोमल भावनाएँ उमड़ पड़ती है तो ऐसी ही रचनाओं का जन्म होता है।
सस्नेह।
बहुत खूब प्रिय श्वेता। सैनिकों के प्रति इन अनमोल पंक्तियों के लिए हार्दिक आभार और अभिनंदन। बहुत सुंदर काव्यात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है तुमने।👌❤️🌷🌷❤️
हटाएंवरण कर चला सतपथ का
जवाब देंहटाएंना सर झुके हिमालय का
मृत्यु -पथ का राही मैं
चिर अभिलाषी अमर विजय का!....माखनलाल चतुर्वेदी जी की उस कालजयी रचना का आपने स्पर्श कर लिया - मुझे तोड़ लेना वनमाली...!
बधाई और आभार!!
आपकी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीय विश्वमोहन जी।
हटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार. 17 जनवरी 2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय दीदी 🙏🌷🌷🌷❤️
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीय आलोक जी, आपकी यहां उपस्थिति मेरा सौभाग्य है। हार्दिक आभार और प्रणाम 🙏🙏
हटाएंये वो चिर अभिलाषी हुंकारी हैं जो सूरज को भी निर्भय होकर तकते हैं । प्रचंड नाद करते हुए विजयी होते हैं । अत्यंत सशक्त एवं सुन्दर कृति ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार और अभिनंदन प्रिय अमृता जी।
हटाएंबहुत सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंअभिनन्दनम!! सुस्वागतम प्रिय भारती जी 🙏🌷🌷❤️❤️
हटाएंबहुत ही लाजवाब सृजन
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार प्रिय मनोज जी |
हटाएंहमारी बहादुरी के किस्से इन्हीं के बलबूते से संजीदा है. हिमालय को झुका दे वो शक्ति ही पैदा नहीं हो सकी. वीरों को शत शत नमन. आपकी रचना हमारे वीर जवानों की सची जीवनी है. बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंसच है प्रिय रोहित। सैनिक देश की आन, बान और शानहैं। हार्दिक आभार,! इस मधुर प्रतिक्रिव के लिए 🙏
हटाएंसैनिकों के प्रति सामान में लेखनी कमाल कर रही है ...
जवाब देंहटाएंकालजई रचनाएं भी ऐसी ही लेखनी देती हैं ... मन के भाव किसी न किसी रूप में आते हैं ... फिर सैनिक तो देश की आन बाण शान हैं ... ये हैं तो हम भी सुरक्षित हैं ...
जी दिगम्बर जी, इस संदर्भ में मेरी लेखनी बहुत छोटी है। जय हिन्द जय हिन्द की सेना 🙏🙏
हटाएंओजपूर्ण पंक्तियाों में सैनिक की निष्ठा का सुन्दर निदर्शन!
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार और अभिनंदन आदरणीया। आपका ब्लॉग पर आना मेरा सौभाग्य है 🌷🌷🌷💐💐
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