घर संभालती बिटिया
घर संवारती बिटिया ,
स्वर्ग को धरती पे
उतारती बिटिया !
सुघड़ है सयानी है
बिटिया तो घर की रानी है ,
उम्र भले छोटी है पर
बातों में पूरी नानी है ,
सफल दुआ जीवन की
ईश्वर की आरती बिटिया !!
माँ की तो परछाई है
पर गुणों में सवाई है ,
उजाला घर के आँगन का
स्नेह की शीतल पुरवाई है ;
ममता की मूर्त लगती
जब स्नेह से दुलारती बिटिया !!
तन से सबल बहुत
मन से है सरल बहुत ,
करुणा से भरी है
है भावों से निर्मल बहुत ,
इरादों की धनी है
करती , जो मन में धारती बिटिया !!
घर -भर की दुलारी है
सखियों की बड़ी प्यारी है ,
पिता का गर्व बहुत ऊंचा
भाई की परम हितकारी है ;
अधूरी ममता पूरी करती
जब '' माँ ''कह पुकारती बिटिया !!
चित्र ---- गूगल से साभार --
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माँ की तो परछाई है
पर गुणों में सवाई है ,
उजाला घर के आँगन का
स्नेह की शीतल पुरवाई है ;
ममता की मूर्त लगती
जब स्नेह से दुलारती बिटिया !!
तन से सबल बहुत
मन से है सरल बहुत ,
करुणा से भरी है
है भावों से निर्मल बहुत ,
इरादों की धनी है
करती , जो मन में धारती बिटिया !!
घर -भर की दुलारी है
सखियों की बड़ी प्यारी है ,
पिता का गर्व बहुत ऊंचा
भाई की परम हितकारी है ;
अधूरी ममता पूरी करती
जब '' माँ ''कह पुकारती बिटिया !!
चित्र ---- गूगल से साभार --
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बिटिया को समर्पित रचना सरलता का संवाद करती है. हर बिटिया के मनोभावों को अभिव्यक्ति मिली है. सुन्दर रचना. बिटिया के प्रति प्यार-दुलार बढ़ाती रचना.
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवीन्द्र जी आप के उत्साहवर्धन करते शब्द हमेशा आंतरिक ऊर्जा से भर देते है -- बहुत आभार आपका |
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 24 जुलाई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 24 जुलाई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका प्रिय एकलव्य --
हटाएंसरल ,सहज और सुंदर अभिव्यक्ति रेणु जी।
जवाब देंहटाएंआदरणीय श्वेता जी सस्नेह आभार आपका --
हटाएंबहुत ही सुंदर....
जवाब देंहटाएंअधूरी ममता पूरी करती
जब माँ कह पुकारती बिटिया....
लाजवाब....
आदरणीय सुधा जी आभारी हूँ आपकी -- रचना का मर्म समझने के लिए
हटाएंबहुत सुंदर सीधी सरल सुगम रचना
जवाब देंहटाएंऔर हमारी प्यारी बिटिया
आत्द्नीय ऋतू जी आभारी हूँ आपकी और सादर सस्नेह स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग पर ___________
हटाएंबिटिय घर की चहल पहल
जवाब देंहटाएंमाँ बाप की लाडली हर पल
शक्ति जैसे दुर्गा आंबे
निर्मल जैसे शीतल जल ...
बहुत सुब्दर रचना है आपकी ... कुछ शब्द मन से स्वतः ही निकल आये सो लिख दिए ...
आदरणीय दिगंबर जी आपकी इन पंक्तियों ने सरल सी रचना को चार चाँद लगते हुए मेरे अव्यक्त भावों को पूर्णता दी है -- बहुत आभारी हूँ आपकी --
हटाएंबिटिया की कमी जिसे महसूस होती है वही जान सकता है कि बिटिया क्या होती है ! बड़ी सुंदर रचना है रेणुजी आपकी ! शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंमीना जी खुश हूँ कि आपने रचना पढ़ी और इसमें बिटिया की माँ होने के गर्व को महसूस किया |
हटाएंभाग्यशाली हूँ कि ईश्वर का ये उपहार मुझे भी मिला है -- बहुत आभारी हूँ आपकी कि आप मेरे ब्लॉग पर पधारी |
सुंदर.
जवाब देंहटाएंआदरणीय आभारी हूँ आपकी जो आप मेरे ब्लॉग पर पधारे -----
हटाएंसदस्यतानहीं मिल रही... This blod doesnt have e mail subscrptions enabled ka message aa raha hai.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रूप में प्रस्तुत किया है आपने बिटिया का रूप
जवाब देंहटाएंप्रिय शकुन्तला-- हर माँ के लिए बिटिया गर्व का विषय होती है | सस्नेह आभार आपका
हटाएंबहुत सुंदर रचना सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्रिय नीतू जी -- सस्नेह आभार् आपका !!!!!!
हटाएंप्रिय नीतू जी --- सस्नेह आभार आपका |
हटाएंबिटिया घर की रानी है और माल्किन् भी है ...
जवाब देंहटाएंघर की जान होती ही ...
जी आदरणीय दिगम्बर जी -- आपने बिलकुल सही कहा | हर्दिक आभार आपका सार्थक शब्दों के लिए |
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति!!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय विश्वमोहन जी-- सादर आभार आपका |
हटाएंबहुत प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंचन्दा हैं बेटियाँ सूरज हैं बेटियाँ ।
जवाब देंहटाएंतपती दोपहरी में छइयाँ हैं बेटियाँ ॥
बेटियाँ को प्यार दें आज फिर से मान दें ।
सृष्टिधारिणी को उनकी फिर से पहचान दें ॥
गर्भ का न पात हो, काल सुप्रभात हो ।
धरती की शक्ति को फिर से सम्मान दें ॥
आदरणीय कौशलेंद्रम जी -------सबसे पहले हार्दिक स्वागत करती हूँ आपका कि आपने मेरे ब्लॉग पर पधार कर मेरा सम्मान बढाया | मेरी रचना के अधूरे भावों को पूरा करती आपकी काव्यात्मक टिप्पणी मेरी
हटाएंमूल रचना से कहीं बेहतर और सराहनीय है | आपकी हार्दिक आभार्री हूँ जो आपने मेरे ब्लॉग पर आकार मेरी रचनाएँ पढ़ी | मेरी दूसरी रचना पर भी आपकी टिप्पणी आई पर ना जाने क्यों वह ब्लॉग पर दिखाई नहीं दी केवल मेल तक सीमित रह गई| निवेदन है कि स्नेह बनाये रखे |
बहुत ही उत्कृष्ट रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार निधि जी |
हटाएंघर संभालती बिटिया -
जवाब देंहटाएंघर संवारती बिटिया ,
स्वर्ग को धरती पे
उतारती बिटिया ! . ..बहुत ही सुन्दर सृजन सखी 👌
इन शब्दों में आप ने नारी का सपूर्ण जीवन चित्रण अंकित किया है बेटी के बहाने से नारी की बेजोड़ छवी. ....रेणु जी मेरे पति आर्मी के एक अच्छे ओदे पर है मैं आर्मी स्कूल में कंप्यूटर टीचर थी पर वो सुकून नहीं मिला जो आज एक कुसल गृहणी के रुप में मिला , नारी का गृहणी होना अपने आप में सफलता सफलता के चार चाँद लगाने जैसा है मेरे नजरिए से .....
बहुत ही सुन्दर रचना. .कभी कभी आप की रचनाएँ पढ़ने को मिलती है आभार सखी
सादर
प्रिय अनिता - आपके शब्दों ने नारी विमर्श को नये अर्थ दिए हैं | सचमुच घर गृहस्थी से ही नारीत्व की शोभा है या कहूं नारीत्व घर गृहस्थी का श्रृंगार है |जानकार बहुत अच्छा लगा की आप एक वीर जवान की जीवनसंगिनी हैं | इसके लिए मेरी विशेष बधाई और प्यार |आज बेटियां पढ़ लिख कर घरेलू कामकाज से दूर हो रही हैं | पर मेरी बिटिया घर के पढाई के साथ साथ घर के कामों को बहुत अच्छी तरह कर लेती है | नारी की सम्पूर्णता इसी में निहित हैकि वह घर गृहस्थी को दरकिनार ना करे क्योकि यही संस्कार उसका गहना हैं | ये मेरी पुरानी रचना है आजकल नया लिखने में खुद को असमर्थ पाती हूँ |इसी लिए पुँरानी रचनाएँ शेयर करती हूँ |आपके सुंदर दृष्टिकोण से पुर्णतः सहमत हूँ | सस्नेह आभार बहन|
हटाएंरेणु जी,
हटाएंअनिता सैनी के संदेश पर आपका जवाब पढ़ा. बड़ा दुख हुआ कि आपने लिखा -
"आजकल नया लिखने में खुद को असमर्थ पाती हूँको असमर्थ पाती हूँ."
क्या बात है?"
किस बात का तनाव लेकर फिर रही हैं. लिखिए. तनाव लिखने से घटेगा. हाँ व्यक्तिगत हो तो पोस्ट मत कीजिए पर लिखिए.
लिखकर आप अपना तनाव दूर कर सकती हैं.
सादर,
अयंगर.
आदरणीय अयंगर जी -- ऐसा कोई तनाव नहीं बस कुछ नया लिख नहीं पा रही | हाँ पढने के लिए जरुर हर रात बैठती जरूर हूँ | कई ड्राफ्ट तैयार पड़े हैं रचनाओं के वे जल्द ही शेयर करूंगी |अच्छा लगा आभासी जगत में आप जैसा शुभचिंतक पाकर | आपने इतनी चिंता व्यक्त की जो मुझे अभिभूत कर गई |सादर प्रणाम |
हटाएंआदरणीया दीदी जी बिटिया पर आपकी यह रचना बिटिया जैसी ही प्यारी लगी......लगा जैसे माँ अपनी ममता से सँवार कर अपनी बिटिया का परिचय दे रही है। कविता में जो आपके भाव हैं वो मुझे मेरी माँ की झलक दिखा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंशायद हर माँ एसी ही होती है....जब बच्चों के विषय में कुछ कहना हो तो शब्द कम पड़ जाते हैं भाव नही
बहुत सुंदर रचना आपकी दिल को छू गयी
सादर नमन सुप्रभात
प्रिय आंचल -- ये रचना मेरी तुम्हारे जैसी बिटिया के लिए ही लिखी गयी थी जो कि उन्नीस साल की है और बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है साथ में एयर विंग NCC भी ज्वाइन किया है |हर माँ को अपनी बिटिया के गुणों पर गर्व होता है |आपके स्नेहिल शब्द अभिभूत कर गये | सस्नेह आभार और मेरा हार्दिक स्नेह आपके लिए |
हटाएंआपकी प्यारी सी गुड़िया को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएँ और प्यार
हटाएंढेरों आभार ओर प्यार मेरा इस गुडिया को भी |
हटाएंअधूरी ममता पूरी करती --
जवाब देंहटाएंजब '' माँ '' कह पुकारती बिटिया
बहुत प्यारी ..रचना सखी,बेटियां हमारी ही तो परछाई होती है ,बहुत खूब... ,बहुत दिनों बाद नज़र आई हो तुम, अच्छा लगा , स्नेह सखी
सस्नेह आभार प्रिय कामिनी --तुम्हारी स्नेहिल प्रतिक्रिया बहुत ख़ुशी देती है | आजकल स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कते चल रही हैं सो थोड़ा बहुत आती हूँ ब्लॉग पर | मेरा प्यार तुम्हारे लिए |
हटाएंसुघड़ है सयानी है
जवाब देंहटाएंबिटिया तो घर की रानी है ;
उम्र भले छोटी है
बातों में पूरी नानी है ;
सफल दुआ जीवन की
ईश्वर की आरती बिटिया !!
सही कहा सखी बेटी पाकर जीवन सफल हो गया बहुत दया आती है उन पर जिनकी बेटी नहीं....।
नानी बनकर सयानी बातों से चुप करवा कर माँ सी डाँटकर ख्याल रखती हैं।
घर की साज-सज्जा और परिवार के हर किसी की पसन्द नापसंद जैसे बेटी करते है वैसे बेटे कभी सोचते भी नहीं....बहुत ही लाजवाब भावपूर्ण सृजन हेतु बहुत बहुत बधाई आपको।
प्रिय सुधा जी, विलंबित प्रतिउत्तर के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ। आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया मेरी रचना को सार्थकता प्रदान करती है। इतने भावपूर्ण शब्दों के लिए आभार शब्द बहुत छोटा है। बस मेरा प्यार और शुभकामनाएं आपके लिए🌹🌹 🙏❤❤
हटाएंमाँ की तो परछाई है -
जवाब देंहटाएंपर गुणों में सवाई है ,
उजाला घर के आँगन का
स्नेह की शीतल पुरवाई है ;
अद्धभुत भावाभिव्यक्ति
सत्य का दर्शन करवाती रचना
आदरणीय दीदी, मेरे ब्लॉग पर आकर रचना को सार्थकता प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार। सादर प्रणाम और शुभकामनाएं🙏🙏 🌹🌹❤❤
हटाएंबेटी के मनोभावों को व्यक्त करती सुंदर रचना, रेणु दी।
जवाब देंहटाएंआपके स्नेह की सदैव आभारी हूँ प्रिय ज्योति जी। आपकी उपस्थिति सदैव उत्साह बढाती है 🌹🌹🙏❤❤
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