
अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
पर समय साक्षी रहना तुम !!
उस पल के- जो सत्य सा अटल ,
ठहर गया है भीतर गहरे ;
रूठे सपनों से मिलवा जिसने -
भरे पलकों में रंग सुनहरे ;
यदा -कदा बैठ साथ मेरे -
उन यादों के हार पिरोना तुम
जिसमें जाने कहाँ से आया -
जन्मों की ले पहचान कोई ,
विस्मय सा भर जीवन में -
कर गया हैरान कोई !!
मौन आराधन सा वो मेरा -
उस संग जन्मों का संग बोना तुम
आत्मा की अतल गहराइयों में -
जो भरेगा उजास नित नित ,
गुजर जायेंगे दिन महीने-
आँखों से ना होगा ओझल किंचित ;
हो ना जाऊं तनिक मैं विचलित
प्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!
अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
पर समय साक्षी रहना तुम !!!!!!!!!!!!!!
चित्र--- गूगल से साभार --
सुंदर भाव प्रवाह!
जवाब देंहटाएंआदरणीय विश्वमोहन जी -- सादर आभार आपको |
हटाएंआत्मा की अतल गहराइयों में -
जवाब देंहटाएंजो भरेगा उजास नित नित ,
दिन महीने गुजर जायेगे -
आँखों से ओझल न होगा किंचित ;
हो ना जाऊं तनिक मैं विचलित
प्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!
अतुलनीय रचना आपकी रेणु जी.....अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम,
पर समय साक्षी रहना तुम !
आदरणीय पुरुषोत्तम जी ---आपकी प्रेरक सराहना अनमोल है-- सादर आभार |
हटाएंआप की रचना को शुक्रवार 29 दिसम्बर 2017 को लिंक की गयी है
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
प्रिय श्वेता जी -- आभारी हूँ आपकी |
हटाएंब्लॉग जगत के श्रेष्ठ रचनाओं का संगम "लोकतंत्र" संवाद ब्लॉग पर प्रतिदिन लिंक की जा रही है। आप सभी पाठकों व रचनाकारों से अनुरोध है कि आप अपनी स्वतंत्र प्रतिक्रिया एवं विचारों से हमारे रचनाकारों को अवगत करायें ! आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों के स्वतंत्र विचारों का ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंप्रिय ध्रुव -- सस्नेह आभार आपका --
हटाएंबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति रेणु जी .
जवाब देंहटाएंआदरणीय मीन--- सादर सस्नेह आभार आपका |
हटाएंदिल को छूती...प्रेरणादायक रचना
जवाब देंहटाएंप्रिय नीतू -- आपके स्नेह भरे शब्द अनमोल हैं --- आभार !!!
हटाएंसमय की ताकत और महत्व बताती एक रचना.
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें.
सादर आभार !!!!!!!!
हटाएंआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/01/50.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआदरणीय राकेश जी सादर सस्नेह आभार आपका |
हटाएंHappy New year, This new year become published author in just 30 days, send request :http://www.bookbazooka.com/
जवाब देंहटाएंसादर आभार !!!!!!!!
हटाएंखूबसूरत प्रस्तुति नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसंजय जी -- आपकी सराहना के लिए सादर सस्नेह आभार == और क्षमा के साथ अत्यंत देर से आपको नव वर्ष और मकर संक्रांति की हार्दिक मंगल कामनाएं और बधाई |
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 2जनवरी2018 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंप्रिय पम्मी जी -- आभारी हूँ आपकी कि आपने अपनी पसंदीदा रचनाओं में मेरी रचना को स्थान दिया |
हटाएंखूबसूरत रचना...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
पर समय साक्षी रहना तुम
लाजवाब
वाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और प्रभावी रचना
बधाई
सादर
आदरणीय सर -- मेरे लेखन की संजीवनी हैं आपके अनमोल शब्द | सादर आभार और नमन --
हटाएंसुंदर परवाह निरंतर .. प्रेम उर समय साक्षी हैं इस
जवाब देंहटाएंरचना और नव वर्ष के ...
शुभकामनाएँ ...
आदरनीय दिगम्बर जी -- मोहक शब्दों भरी आपकी सराहना अनमोल है | आपको भी नववर्ष की हार्दिक की शुभ कामनाएं और बधाई |
हटाएंबहुत सुंदर ! समय से बेहतर तो कोई साक्षी हो ही नहीं सकता। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रिय रेणु बहन
जवाब देंहटाएंसादर आभार और शुभकामनाएं आदरणीय मीना बहन --
हटाएंbahut sundar kavita !
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका
आदरणीय आशुतोष जी -- सबसे पहले मैं स्वागत करती हूँ आपका अपने ब्लॉग पर !! रचना की सराहना के लिए आपकी आभारी हूँ | मेरा लेखन सफल हुआ | सहयोग बनाये रखें |
हटाएंआपको सूचित करते हुए बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है कि ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग 'मंगलवार' ९ जनवरी २०१८ को ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ लेखकों की पुरानी रचनाओं के लिंकों का संकलन प्रस्तुत करने जा रहा है। इसका उद्देश्य पूर्णतः निस्वार्थ व नये रचनाकारों का परिचय पुराने रचनाकारों से करवाना ताकि भावी रचनाकारों का मार्गदर्शन हो सके। इस उद्देश्य में आपके सफल योगदान की कामना करता हूँ। इस प्रकार के आयोजन की यह प्रथम कड़ी है ,यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा। आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! "लोकतंत्र" ब्लॉग आपका हार्दिक स्वागत करता है। आभार "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय ध्रुव --
हटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावभियक्ति
सस्नेह आभार रविन्द्र जी |
हटाएंवाह!!बहुत सुंदर भावभिव्यक्ति प्रिय सखी रेनू । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार शुभा बहन |आपको भी नववर्ष मंगलमय हो |
हटाएंयदा -कदा बैठ साथ मेरे -उन यादों के हार पिरोना तुम
जवाब देंहटाएंपर समय साक्षी रहना तुम.............,लाजबाब सखी ,क्या तारीफ करू तुम्हारी ,एक एक शब्द दिल में उतरता हुआ ,मुझे कविता लिखने नहीं आता लेकिन तुम्हारी गीतों को पढ़कर दिल में चाह जगती है कि काश मैं भी अपनी भावनाओ को गीतों का रूप दे पाती ,तुम्हारे शब्द मेरी ही भावनाओ को उकेरते है ,बहुत बहुत बहुत प्यारी रचना ,तुम्हारी कलम यूँ ही चलती रहे ,स्नेह सखी
प्रिय कामिनी -- ये तुम्हारा निर्मल स्नेह है सखी |सस्नेह आभार इन ऊर्जा भरे शब्दों के लिए |
हटाएंबहुत सुंदर रचना. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंप्रिय मुकुल जी -- सस्नेह स्वागत है आपका ब्लॉग पर | आपको भी मेरी शुभकामनायें और आभार |
हटाएंहो ना जाऊं तनिक मैं विचलित
जवाब देंहटाएंप्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!
अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
पर समय साक्षी रहना तुम !!
बहुत ही सुंदर मनोभाव,रेणु दी।
सस्नेह आभार प्रिय ज्योति जी |
हटाएंहो ना जाऊं तनिक मैं विचलित
जवाब देंहटाएंप्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!
अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
पर समय साक्षी रहना तुम !!
बेहतरीन रचना रेनू जी
आदरणीय वन्दना जी -- मेरे ब्लॉग पर आपका आना मेरा सौभाग्य है |सस्नेह आभार आपका |
हटाएंबहुत सुन्दर रेणुबाला जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही निश्छल मन से रची गयी उच्च विचारों से युक्त सोद्देश्यपूर्ण कविता !
आदरणीय गोपेश जी , आपका आशीर्वाद पाकर मन आह्लादित है | देर से प्रतिउत्तर के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ |
हटाएंअपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
जवाब देंहटाएंपर समय साक्षी रहना तुम
बहुत सुंदर दिल को छूती रचना।
भावों का सुंदर प्रवाह! अंतः सलिला न होकर भी सदा उपस्थिति देती है सरस्वती की तरह वैसे ही कुछ न लिखा सुधा भी परिलक्षित है लेखन में ,कितना मृदुल कितना स्निग्ध ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुंदर रेणु बहन।
सस्नेह आभार प्रिय कुसुम बहन |आपका स्नेह अनमोल है |
हटाएंबहुत सुन्दर रेणू जी,भावों में मोहकता शब्दों में मृदुलता 👌👌आपकी लेखनी का कमाल है
जवाब देंहटाएंसादर आभार उर्मिला जी | मेरा सौभाग्य आपने मेरे ब्लॉग पर आकर मुझे प्रोत्साहित किया |
हटाएंबहुत शानदार
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार लोकेश जी |
हटाएंबेहतरीन रचना सखी 👌
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय अनुराधा जी |
हटाएंपर समय साक्षी रहना तुम, वाह वाह और वाह
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय दीदी | आपकी वाह किसी पुरस्कार से नहीं |
जवाब देंहटाएं