मेरी प्रिय मित्र मंडली

बुधवार, 27 दिसंबर 2017

समय साक्षी रहना तुम --- कविता --

Image result for नव वर्ष चित्र

 अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
 पर समय साक्षी रहना   तुम !!

उस पल के , जो  सत्य सा अटल ,
 ठहर गया है भीतर   गहरे ;
रूठे सपनों से मिलवा जिसने  
भरे पलकों में रंग सुनहरे ;
यदा -कदा  बैठ साथ मेरे  
उन यादों के हार पिरोना तुम 

जिसमें  जाने  कहाँ  से आया  
जन्मों की ले पहचान कोई ,
 विस्मय सा भर जीवन में  
कर गया हैरान कोई !  
मौन आराधन सा वो  मेरा  
उसका   जन्मों  का संग बोना तुम

  अतल गहराइयों में  आत्मा की
जो  भरेगा उजास  नित नित  ,
गुजर जायेंगे   दिन महीने 
 आँखों से ना होगा ओझल  किंचित ;
हो ना जाऊं तनिक मैं विचलित 
प्राणों में  अनत धीरज  भर देना तुम !!

अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
 पर समय साक्षी रहना   तुम !!!!!!!!!!!!!!

 चित्र--- गूगल से साभार -- 

73 टिप्‍पणियां:

  1. आत्मा की अतल गहराइयों में -
    जो भरेगा उजास नित नित ,
    दिन महीने गुजर जायेगे -
    आँखों से ओझल न होगा किंचित ;
    हो ना जाऊं तनिक मैं विचलित
    प्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!

    अतुलनीय रचना आपकी रेणु जी.....अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम,
    पर समय साक्षी रहना तुम !

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    उत्तर
    1. आदरणीय पुरुषोत्तम जी ---आपकी प्रेरक सराहना अनमोल है-- सादर आभार |

      हटाएं
  2. आप की रचना को शुक्रवार 29 दिसम्बर 2017 को लिंक की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  3. ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ रचनाओं का संगम "लोकतंत्र" संवाद ब्लॉग पर प्रतिदिन लिंक की जा रही है। आप सभी पाठकों व रचनाकारों से अनुरोध है कि आप अपनी स्वतंत्र प्रतिक्रिया एवं विचारों से हमारे रचनाकारों को अवगत करायें ! आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों के स्वतंत्र विचारों का ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  4. बहुत सुन्दर‎ भावाभिव्यक्ति रेणु जी .

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  5. दिल को छूती...प्रेरणादायक रचना

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    1. प्रिय नीतू -- आपके स्नेह भरे शब्द अनमोल हैं --- आभार !!!

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  6. समय की ताकत और महत्व बताती एक रचना.
    नव वर्ष की शुभकामनायें.

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  7. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/01/50.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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    1. आदरणीय राकेश जी सादर सस्नेह आभार आपका |

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  8. Happy New year, This new year become published author in just 30 days, send request :http://www.bookbazooka.com/

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  9. खूबसूरत प्रस्तुति नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

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    1. संजय जी -- आपकी सराहना के लिए सादर सस्नेह आभार == और क्षमा के साथ अत्यंत देर से आपको नव वर्ष और मकर संक्रांति की हार्दिक मंगल कामनाएं और बधाई |

      हटाएं
  10. आपकी लिखी रचना  "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 2जनवरी2018 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    उत्तर
    1. प्रिय पम्मी जी -- आभारी हूँ आपकी कि आपने अपनी पसंदीदा रचनाओं में मेरी रचना को स्थान दिया |

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  11. खूबसूरत रचना...
    वाह!!!
    पर समय साक्षी रहना तुम
    लाजवाब

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  12. वाह
    बहुत सुंदर और प्रभावी रचना
    बधाई
    सादर

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    उत्तर
    1. आदरणीय सर -- मेरे लेखन की संजीवनी हैं आपके अनमोल शब्द | सादर आभार और नमन --

      हटाएं
  13. सुंदर परवाह निरंतर .. प्रेम उर समय साक्षी हैं इस
    रचना और नव वर्ष के ...
    शुभकामनाएँ ...

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    उत्तर
    1. आदरनीय दिगम्बर जी -- मोहक शब्दों भरी आपकी सराहना अनमोल है | आपको भी नववर्ष की हार्दिक की शुभ कामनाएं और बधाई |

      हटाएं
  14. बहुत सुंदर ! समय से बेहतर तो कोई साक्षी हो ही नहीं सकता। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रिय रेणु बहन

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    उत्तर
    1. सादर आभार और शुभकामनाएं आदरणीय मीना बहन --

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  15. उत्तर
    1. आदरणीय आशुतोष जी -- सबसे पहले मैं स्वागत करती हूँ आपका अपने ब्लॉग पर !! रचना की सराहना के लिए आपकी आभारी हूँ | मेरा लेखन सफल हुआ | सहयोग बनाये रखें |

      हटाएं
  16. आपको सूचित करते हुए बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है कि ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग 'मंगलवार' ९ जनवरी २०१८ को ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ लेखकों की पुरानी रचनाओं के लिंकों का संकलन प्रस्तुत करने जा रहा है। इसका उद्देश्य पूर्णतः निस्वार्थ व नये रचनाकारों का परिचय पुराने रचनाकारों से करवाना ताकि भावी रचनाकारों का मार्गदर्शन हो सके। इस उद्देश्य में आपके सफल योगदान की कामना करता हूँ। इस प्रकार के आयोजन की यह प्रथम कड़ी है ,यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा। आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! "लोकतंत्र" ब्लॉग आपका हार्दिक स्वागत करता है। आभार "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  17. वाह!!बहुत सुंदर भावभिव्यक्ति प्रिय सखी रेनू । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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    1. सस्नेह आभार शुभा बहन |आपको भी नववर्ष मंगलमय हो |

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  18. यदा -कदा बैठ साथ मेरे -उन यादों के हार पिरोना तुम
    पर समय साक्षी रहना तुम.............,लाजबाब सखी ,क्या तारीफ करू तुम्हारी ,एक एक शब्द दिल में उतरता हुआ ,मुझे कविता लिखने नहीं आता लेकिन तुम्हारी गीतों को पढ़कर दिल में चाह जगती है कि काश मैं भी अपनी भावनाओ को गीतों का रूप दे पाती ,तुम्हारे शब्द मेरी ही भावनाओ को उकेरते है ,बहुत बहुत बहुत प्यारी रचना ,तुम्हारी कलम यूँ ही चलती रहे ,स्नेह सखी

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    उत्तर
    1. प्रिय कामिनी -- ये तुम्हारा निर्मल स्नेह है सखी |सस्नेह आभार इन ऊर्जा भरे शब्दों के लिए |

      हटाएं
  19. बहुत सुंदर रचना. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रिय मुकुल जी -- सस्नेह स्वागत है आपका ब्लॉग पर | आपको भी मेरी शुभकामनायें और आभार |

      हटाएं
  20. हो ना जाऊं तनिक मैं विचलित
    प्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!

    अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
    पर समय साक्षी रहना तुम !!
    बहुत ही सुंदर मनोभाव,रेणु दी।

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  21. हो ना जाऊं तनिक मैं विचलित
    प्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!

    अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
    पर समय साक्षी रहना तुम !!
    बेहतरीन रचना रेनू जी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय वन्दना जी -- मेरे ब्लॉग पर आपका आना मेरा सौभाग्य है |सस्नेह आभार आपका |

      हटाएं
  22. बहुत सुन्दर रेणुबाला जी,
    बहुत ही निश्छल मन से रची गयी उच्च विचारों से युक्त सोद्देश्यपूर्ण कविता !

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    1. आदरणीय गोपेश जी , आपका आशीर्वाद पाकर मन आह्लादित है | देर से प्रतिउत्तर के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ |

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  23. अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
    पर समय साक्षी रहना तुम
    बहुत सुंदर दिल को छूती रचना।

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  24. भावों का सुंदर प्रवाह! अंतः सलिला न होकर भी सदा उपस्थिति देती है सरस्वती की तरह वैसे ही कुछ न लिखा सुधा भी परिलक्षित है लेखन में ,कितना मृदुल कितना स्निग्ध ।
    बहुत बहुत सुंदर रेणु बहन।

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    1. सस्नेह आभार प्रिय कुसुम बहन |आपका स्नेह अनमोल है |

      हटाएं
  25. बहुत सुन्दर रेणू जी,भावों में मोहकता शब्दों में मृदुलता 👌👌आपकी लेखनी का कमाल है

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    1. सादर आभार उर्मिला जी | मेरा सौभाग्य आपने मेरे ब्लॉग पर आकर मुझे प्रोत्साहित किया |

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  26. पर समय साक्षी रहना तुम, वाह वाह और वाह

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  27. सादर आभार आदरणीय दीदी | आपकी वाह किसी पुरस्कार से नहीं |

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  28. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 18 जुलाई 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  29. समय साक्षी रहना तुम

    प्रवाहमय ये लेखन
    कभी नहीं छोड़ना तुम
    अपनी हर सोच को
    कलमबद्ध कर लेना तुम ।

    समय साक्षी रहना तुम 😄😄😄😄😄😄

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    उत्तर
    1. हार्दिक आभार आपका प्रिय दीदी इस शानदार काव्यात्मक प्रतिक्रिया के लिए🙏🙏

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  30. बहुत सुंदर!! सरिता की तरह बहती हुई कल कल धारा जैसी रचना,प्रिय सखी आपको हार्दिक शुभकामनाएं।

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    उत्तर
    1. प्रिय जिज्ञासा जी,हार्दिक आभार आपका प्रिय 🙏🙏

      हटाएं
  31. सुन्दर रचना रेणु जी!... हार्दिक बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  32. आपका ब्लॉग पर सदैव ही अभिनन्दन है आदरणीय सर |

    जवाब देंहटाएं
  33. कल-कल,झर-झर झरना तुम
    स्मृतियों की पिटारी भरना तुम
    उम्र की उंगली जिस दिन छूटे
    झाँकूगी बनके तारा नभ से
    नयनों से बातें करना तुम
    समय साक्षी रहना तुम
    ----
    अति सुंदर मन को छूती भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी।
    आपकी रचनाओं के भावनात्मक प्रवाह सबसे खास होते हैं।
    सस्नेह बधाई दी।


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    उत्तर
    1. अति सुंदर प्रिय श्वेता !जो शायद मैं ना लिख सकी वो तुमने लिख दिया |काश तुम्हारी ये पंक्तियाँ पुस्तक छपने से पहले आती तो पुटक मैं इन्हें किताब में छपवाती |
      झाँकूगी बनके तारा नभ से
      नयनों से बातें करना तुम///
      क्या बात कही तुमने | कोटि आभार और प्यार |

      हटाएं
  34. समय साक्षी रहना तुम...
    प्रिय रेणु जी समय साक्षी है आपके लेखन का
    हम बतौर पाठक आपके नवसृजन का इंतजार कर रहे हैं
    हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार प्रिय सुधा जी |आपके स्नेह से सदैव ही अभिभूत हूँ | ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति ने सदैव मेरा मनोबल बढाया है |एक बार फिर हार्दिक शुभकामनाएं|

      हटाएं
  35. मन के भावों को
    खूब प्रवाहित करती हो
    फिर क्या हुआ जो
    अब तुम भावों को
    अंतर्मन में रखती हो
    समय रहा साक्षी सदैव
    तुम्हारी रचनाओं का
    इंतज़ार सबको तुम्हारी
    नई कविताओं का ।
    शुभकामनाएँ

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    उत्तर
    1. आपका बहुत-बहुत आभार और अभिनंदन प्रिय दीदी। समय एक और बात का साक्षी है, जब ब्लॉग छोड़ रही थी आपने हाथ पकड़ लिया और वापस खींच लिया अन्यथा ब्लॉग पर भूला-बिसरा नाम बन चुकी होती। आपके स्नेह की प्रतीक ये पंक्तियाँ अनमोल है। जल्द ही ब्लॉग पर मई रचना डालूंगीv ।प्रणाम और आभार व्यक्त।

      हटाएं
    2. आपका बहुत-बहुत आभार और अभिनंदन प्रिय दीदी। समय एक और बात का साक्षी है, जब ब्लॉग छोड़ रही थी आपने हाथ पकड़ लिया और वापस खींच लिया अन्यथा ब्लॉग पर भूला-बिसरा नाम बन चुकी होती। आपके स्नेह की प्रतीक ये पंक्तियाँ अनमोल है। जल्द ही ब्लॉग पर मई रचना डालूंगी । पुनः आभार और प्रणाम 🙏🙏🌷🌷

      हटाएं

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