लाख करोड़ों पर भारी है
ये तेरी मुस्कान लाडली,
तू है मेरे जिगर का टुकडा
तू है मेरी जान लाडली !
तू आशा की कल्प वल्लरी,
तुझसे मेरा संसार सजा,
सपनें मेरे भरें उड़ानें
और तू आसमान लाडली!
तनिक दूर जो होती मुझसे
आँखें मेरी तुझको ढूँढें ;
सब हों पर -बिन तेरे लगता
यह जीवन वीरान लाडली !
धूप तुम्हारी हँसी -ख़ुशी की ,
भरती आँगन में उजियारा ,
निश्छ्ल वाणी मन सहलाती
जीना है आसान लाडली !
आज कहें सब बिटिया मेरी
करूँ प्रार्थना वो दिन आये
तेरे नाम से नाम हो मेरा
बन मेरी पहचान लाडली !
निश्छल मुस्कान होती ही ऐसी है,जिसका मोल नहीं होता पर यह अनमोल होती है। जो पा गया मालामाल और जो न पा सका , सब पाकर भी कंगाल ।
जवाब देंहटाएंसंभवतः बिटिया रानी के जन्मदिन अथवा किसी विशेष अवसर पर इतनी प्यारी और ममत्व- भाव से भरी रचना लिखी है आपने रेणु दी, उसे मेरी तरफ से शुभकामनाएँ और आशीर्वाद दोनों ही कह दें।
जिसका कोई मोल नहीं होता पर यह...पढ़ा जाए।
हटाएंजी , शशि भैया, आजकल कुछ नया लिखा नहीं पा रही। ये रचना दूसरी बिटिया यानी सखी कामिनी की बिटिया के जन्मदिन पर लिखी थी। इसमें हर बेटी की माँ के उद्गार समाहित हैं। बिटिया को आजके दिन आपकी स्नेहाशीष मिला, उसका सौभाग्य है। हार्दिक आभार आपकी इस स्नेहिल प्रतिकिया के लिए 🙏🙏💐🙏🙏
हटाएंसादर नमस्कार दीदी जी, 🙏🏻🙏🏻
जवाब देंहटाएंसच ही तो है, बेटियाँ ही है जो
आंगन में किलकारियां भरते हुए कब बड़ी हो जाती है
इस बात का भान लगा पाना मुश्किल हो जाता है और,
इस आंगन के साथ किस घर का उजियारा हो जाती है
यह भी जानना हतप्रभ कर जाता है।
तू ही तो है आस मेरी,
तुझसे है विश्वास मेरा,
सपने पूरे हो तेरे जीवन के,
यही आस है मेरी लाडली।।
बेटी पर आपने बहुत खूब लिखा है । 🌹🌹🌹
सधन्यवाद
प्रिय अनुज मुकेश, आपकी इस भावपूर्ण और सुंदर प्रतिक्रिया और काव्यात्मक पंक्तियाँ ,निश्चित ही मेरी रचना के अधूरे भावों को पूरा कर रही है । सच में बिटिया का बड़ा होना कभी - कभी चौंका देता है। सोचती हूँ , बेटियां इतनी जल्दी बड़ी क्यों हो जाती हैं। सस्नेह आभार आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए। 🙏🙏💐🙏🙏--
हटाएंक्या कहूँ इस कविता के लिए मैं रेणु जी । दिल को कहीं गहरे तक छू गई है यह ।
जवाब देंहटाएंस्वयंप्रभा जी , सर्वप्रथम आपका हार्दिक स्वागत है, मेरे ब्लॉग पर । आपके शब्दों ने रचना को सार्थकता प्रदान की है। हार्दिक आभार आपका।
हटाएंबेटियों में परिवार की जान बसती है
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा कविता
अपने सच कहा राकेश जी। अनमोल प्रतिक्रिया के लिए सस्नेह आभार आपका 🙏🙏💐🙏🙏
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 15 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय दीदी और मुखरित मौन मंच 🙏🙏🌹🙏🙏
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 16 जुलाई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सादर आभार आदरणीय रवीन्द्र जी और पांच लिंक मंच 🙏🙏💐🙏🙏
हटाएंसब कहें आज तू बिटिया मेरी
जवाब देंहटाएंदुआ है ,वो दिन भी आये
तेरे नाम से नाम हो मेरा
तू बनें मेरी पहचान लाडली !
हर माँ के दिल के भावों को तुमने शब्दों में पिरो दिया हैं सखी,
बहुत ही सुंदर, रचना नहीं ये तो माँ के मन के भाव है जो पन्नों पर बिखर गए है।
मुझे याद है इस कविता की चंद पंक्तियाँ तुमने मेरी बेटी के जन्मदिन के अवसर पर उसे ढेरों दुआओं के साथ लिखी थी
उन दुआओं को पढ़कर मेरी बेटी की आँखें नम हो गई थी.मेरी बेटी आज भी तुम्हारी इस कविता को पढ़ती रहती है।
प्रिय कामिनी, ये रचना उसके लिए ही लिखी थी । पर इसमें हर माँ की भावनाएं शामिल हैं सखी । इसके साथ तुम्हारा स्नेह विशेष भी शामिल है । प्रिय मनु के साथ मेरी दुआएं अहर्निश रहेंगी। इस भावपूर्ण प्रतिकिया के लिए आभार नहीं बस मेरी शुभकामनायें हैं सखी 🙏🙏🌹🙏🙏
हटाएंनयनों को सजल कर देने वाली भावपूर्ण कविता रची है यह ।
जवाब देंहटाएंआपने रचना के लिए अनमोल प्रतिक्रिया दी जितेंद्र जी, आपकी आभारी हूँ 🙏🙏💐🙏🙏
हटाएंबहुत सुन्दर और वात्सल्य से परिपूर्ण।
जवाब देंहटाएंरचना पर अनमोल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीय सर । 🙏🙏💐🙏🙏
हटाएंहटाएं
कितनी सुन्दर कविता है बेटी को लेकर, बारम्बार बधाई ऐसे सच और सुंदर सृजन पर
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय दीदी । आपको रचना पसंद आई
हटाएंये मेरा सौभाग्य है 🙏🙏💐💐🙏🙏
बेटी को लेकर बहुत भावपूर्ण रचना, बारम्बार बधाई ऐसे सुन्दर सृजन के लिए
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका दीदी🙏🙏💐🙏🙏
हटाएंभावप्रवण कविता, दिल पर दस्तक देतीं हुई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
इस स्नेहिल प्रतिकिया के लिए आपकी आभारी हूँ पम्मी जी।रचना आपको पसंद आई जानकर अच्छा लगा ।
हटाएंबहुत ही सुंदर कविता दी.बेटी-सी प्यारी और मोहक.
जवाब देंहटाएंसादर
हार्दिक आभार और शुभकामनायें प्रिय अनीता। तुम्हारी प्रतिकिया अनमोल है।
हटाएंसुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय सुशील जी। बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर आये, आपका स्वागत है 🙏🙏💐🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शब्दांजलि। जन्मदिन की असीम शुभकामनाएँ!ईश्वर करे कि आपकी ये पंक्तियाँ अक्षरश: फलित हों :
जवाब देंहटाएंसब कहें आज तू बिटिया मेरी
दुआ है ,वो दिन भी आये
तेरे नाम से नाम हो मेरा
तू बनें मेरी पहचान लाडली !
एक बार फिर से भावनाओं के इस सरस प्रवाह हेत्य बधाई और आभार!!!
आपके आशीर्वचनों के लिए सादर आभार विश्वमोहन जी | कल बिटिया का जन्मदिन था |उसका सौभाग्य है कि आपका आशीष मिला | आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से रचना के भाव सार्थक हुए |
हटाएंतनिक रहे जो दूर तू मुझसे
जवाब देंहटाएंआँखें मेरी तुम्हें ही खोजें ,
सब हों भले -पर बिन तेरे लगता
ये जीवन वीरान लाडली !
बिटिया, जीवन की वह उपलब्धि है जो बडे ही सौभाग्य से मिलती है। उसकी सफल जीवन की कामनाओं सहित बधाई।
जी , आपने सही कहा | आपकी भावपूर्ण प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार पुरुषोत्तम जी |
हटाएंधूप तुम्हारी हंसी -ख़ुशी की ,
जवाब देंहटाएंभरती आँगन में उजियारा ,
निश्छ्ल वाणी मन सहलाती
करती जीना आसान लाडली
वाह बेहद खूबसूरत रचना सखी बेटियों से ही घर में रौनक होती है। बेटी को समर्पित बहुत ही प्यारी रचना। हार्दिक बधाई सखी
पिय अनुराधा जी , आपकी स्नेहिल उपस्थिति और मनभावन प्रतिक्रिया केलिए हार्दिक आभार |
हटाएंवाह!मन को भा गई आपकी सुंदर रचना प्रिय रेनू जी ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय शुभाजी | हार्दिक अभिनन्दन और शुभकामनाएं|
हटाएंममत्व भाव से लिखी बहुत प्यारी सी रचना मैम। पढ़ कर बहुत आनंद आया। मेरी माँ और मैं भी वक दूसरे किवाबसे अछि सहेलियां हैं। जब जम दोनों साथ रजते हैं तो किसी और की आवश्यकता हो नहीं होती। इस कविता को पढ़ने से थोड़ी देर पहले माँ और मैं खेल रहे थे।
जवाब देंहटाएंमैं ने अपने ब्लॉग पर एक नयी रचना और डाली है- अहिल्या। क्रिया पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया दें। आपके आशीष व प्रोत्साहन के लिए अनुग्रहित रहूँगी। लिंक कॉपी नहीं कर पा रही पर यदि आप मेरे नाम पर क्लिक करें तो आप मेरे प्रोफाइल पर आ जाएंगी। वहाँ मेरे ब्लॉग काव्यतरंगिनी के नाम पर क्लिक करिएगा, आपको मेरे ब्लॉग तक ले आएगा।
धन्यवाद।
प्रिय अनन्ता , आपका एक बार फिर स्वागत है | आपकी बालसुलभ इस मासूमियत भरी प्रतिक्रिया के बदले में क्या आभार कहूं | यही कहूँगी कि आप सदैव अपनी माँ के साथ यूँ ही स्नेह की डोर में बंधी , उनकी छाया में , हंसते खेलते हुए , अपनी रचनात्मकता को नये आयाम देती रहें | ढेरों प्यार और शुभकामनाएं | अभी आती हूँ आपकी रचना पर |
हटाएंआदरणीया मैम,
हटाएंआज आप सबों की प्रतिक्रिया पढ़ी और उसका उत्तर भी दिया।
आपने जिस स्नेह से मेरी हर रचना पढ़ी और प्रतिक्रिया दी, उसके लिए मेरे पास आभार के शब्द ही नहीं है और फिर यहां भी मेरी प्रतिक्रिया का इतना प्यार भरा जवाब।
इन दिनों मेरी परीक्षा थी इसीलिये प्रतिक्रिया का उत्तर देने में देर हो गयी। अब से ऐसा नहीं होगा। आज आपकी और सबों की प्रतिक्रिया उत्तर दे दिया।
आप सबों का आशीर्वाद ही सब कुछ है।
आप इसी प्रकार मुझे अपना स्नेह और आशीष देती रहिएगा।
आपका मेरे प्रति यह अपनत्व अमूल्य है।
आती रहिएगा।
हृदय से आभार।
प्रिय अनंता , आपको एक बार फिर हार्दिक आभार और प्यार | आप ब्लॉग पर आती रहें और पढ़ती रहें , मुझे अच्छा लगेगा | आपको टिप्पणी लिखने की कोई बाध्यता नहीं | आप अपनी पढाई पर पूरा ध्यान दें |मैं समय निकाल कर आपके ब्लॉग पर जरुर आती रहूंगी | आप जैसे बच्चे ही साहित्य का भविष्य हैं | वैसे मैं आपके ब्लॉग पर जाती रहती हूँ बस लिख नहीं पाती | पुनः प्यार |
हटाएंबहुत सुंदर रेणु बहन,कोमल हृदय की
जवाब देंहटाएंवात्सल्य से भीगी ये अभिव्यक्ति जहां मन में
हर्ष भर गई वहीं न जाने क्यों आँखें नम कर
गई सच बेटियां होती ही ऐसी है शिशिर की
गुनगुनी धूप जैसी ।
बहुत सुंदर सृजन।
प्रिय कुसुम बहन , आपकी स्नेहिल उपस्थिति से रचना सार्थक हुई | आपके मधुर शब्दों के लिए सदैव आभारी हूँ |
हटाएंवाह! बहुत सुन्दर रचना। ऐसी मनोकामना सभी की पूरी हो।
जवाब देंहटाएंप्रिय अनुज प्रकाश , बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर आपके आने से ख़ुशी हुई | सस्नेह आभार आपका |
जवाब देंहटाएंवाह सखी क्या कमाल की रचना लिखी है आपने बेटी पर...सच में हर माँ के मन के उद्गार लिख डाले वह भी इतने सहज और भावपूर्ण। सच में ये बेटियां होती ही ऐसी हैं मुझे तो लगता है जिनकी बेटी नहीं उन्होंने क्या पाया जीवन में....कब नन्ही सुकोमल किलकती फुदकती बेटी देखते ही देखते सखी बन जाती है और धीरे धीरे माँ जैसा ख्याल रखना भी शुरू कर देती है।
जवाब देंहटाएंसब कहें आज तू बिटिया मेरी
दुआ है ,वो दिन भी आये
तेरे नाम से नाम हो मेरा
तू बनें मेरी पहचान लाडली !
ये दुआ सब बेटियों के लिए फलित हो हर बेटी सफल एवं स्वावलंबी हो यही प्रार्थना है ..
मैं तो बहुत देर से आयी बिटिया का जन्मदिन तो निकल गया फिर भी मेरा असीम प्यार एवं आशीर्वाद देना उसे।
प्रिय सुधा जी , आपकी स्नेहिल उपस्थिति को मानों पूर्णरूपेण सार्थकता ही मिल गयी सखी |ये रचना तो मैंने सखी कामिनी की बिटिया के जन्मदिन पर लिखी थी | पर ये उदगार हर उस माँ के हैं जिसकी गोद में ईश्वर ने एक बिटिया की सौगात डाली है |आपने कितनी प्यारी बात लिखी है कि बेटियाँ खेलती -कूदती झट से बड़ी हो जाती हैं और सखी तो बनती ही हैं माँ जैसी ममता भी लुटाने लग जाती हैं |
हटाएंसभी की बेटियां स्वस्थ और सकुशल रहें साथ ही माता - पिता के लिए गर्व का कारण रहें यही दुआ है | बिटिया को आपका प्यार और आशीष मिला उसका सौभाग्य है |आपको आभार क्या कहूं > बस मेरी शुभकामनाएं आपके लिए ||
क्षमा चाहेंगे दी देर से प्रतिक्रिया के लिए।🙏🙏
जवाब देंहटाएंदेर से सही शुभाशीष और ढेर सारा प्यार
बिटिया को जन्मदिन पर।
कविता के संबंध में क्या कहें दी शब्द-शब्द भाव और ममत्व से भरे है। बहुत भावपूर्ण मन भावुक करती सुंदर अभिव्यक्ति।
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बेटियाँ माँ की परछाई
जीवन वेदना की दवाई
स्मृतियों का पिटारा बन
हो जाती हैं झोंका पुरवाई
सादर।
प्रिय श्वेता . सच है बेटियां जीवन की हर वेदना की दवा हैं | सुंदर काव्यात्मक प्रतिक्रिया के साथ इस स्नेहाशीष के लिए हार्दिक आभार |तुम्हें रचना पसंद आई लिखना सार्थक हुआ | तुम्हें आभार नहीं हार्दिक स्नेह और शुभकामनाएं |
हटाएंआपकी रचनाए बहुत सुंदर है
जवाब देंहटाएंहाल ही में मैंने ब्लॉगर ज्वाइन किया है आपसे निवेदन है कि आप मुझे पढ़े और मुझे सही दिशा निर्देश दे
https://shrikrishna444.blogspot.com/2020/07/blog-post_52.html
धन्यवाद
कृष्णा जी , आपका हार्दिक स्वागत है मेरे ब्लॉग पर | आपने ब्लॉगर ज्वाइन किया है मेरी हार्दिक शुभकामनाएं आपके लिए | मैं आपके ब्लॉग पर जरुर आऊंगी |
हटाएंवाह... अनुपम रचना
जवाब देंहटाएंसाधुवाद 🙏💐💐💐💐
सादर आभार और अभिनंदन वर्षा जी 🙏🙏🌹🌹🙏🙏
हटाएंआपकी ब्लॉग पर पहली बार आना हुआ बहुत अच्छा लिखा है आपने बिटिया रानी पर,मेरी और से असीम स्नेह आशीर्वाद ।
जवाब देंहटाएंप्रिय मधुलिका जी, मेरे ब्लॉग पर आपका आना मेरे लिए
हटाएंहर्ष का विषय है। हार्दिक अभिनंदन है आपका । बिटिया को आपका आशीष मिला उसका सौभाग्य है 🙏🙏🌹🙏🙏
लाजवाब रचना। शुभकामनाएं बिटिया के लिये।
जवाब देंहटाएंआपकी स्नेहाशीष बिटिया का सौभाग्य है | आपका सादर आभार सुशील जी |
हटाएंवात्सल्य भाव से पगी बहुत प्यारी रचना । बिटिया को अनन्त शुभकामनाएं और स्नेहाशीष रेणु बहन । सस्नेह ...,
हटाएंआपकी स्नेहाशीष अनमोल हैं प्रिय मीना जी | सस्नेह कोटि आभार |
हटाएंबेहद प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंममता और दुलार।
लाडली को मुबारकबाद। 😊
हार्दिक आभार प्रिय रोहित | आपका यहाँ होना मेरा सौभाग्य है |
हटाएंबहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार अमृता जी ❤❤🙏🌹🌹
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