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रविवार, 20 मार्च 2022

नीड़ तुम्हारा चिड़िया !

 

कितना सुंदर -कितना प्यारा 
 है ये  नीड़  तुम्हारा  चिड़िया !
तिनका-तिनका  गूँथा हुआ है
इसमें प्यार तुम्हारा चिड़िया |

पढ़ी कभी न विद्यालय में,
अनथक खोयी  अपनी ही लय में!
धीरज , श्रम अलंकार तुम्हारे
डूबी  ना कभी संशय में!
नीड़कला की माहिर तुम 
हुनर ये जग  में  न्यारा चिड़िया !

रंग सपनों में नित भर-भरकर,
खूब सजाओ छोटा-सा ये घर!
निर्जनता में स्पंदन भर,  गूँजे
तेरा आहलादित  मधुर,करुण स्वर
उड़ता निर्मम समय का पाखी
ना आता लौट दुबारा चिड़िया |
 


आजन्म  निर्बंध और उन्मुक्त  
फिर भी  जग-भर की प्यारी तुम !
 तूफानों से भिड़-भिड़ जाती 
 कहाँ  कभी  हिम्मत हारी तुम !
जिधर जी चाहे,फुर्र से  उड़ जाती  
है सारा जहाँ तुम्हारा चिड़िया !

[चित्र गूगल से साभार ]
 
चिड़िया पर मेरी दो  अन्य रचनाएँ 
1-----'पेड़ ने पूछा चिड़िया से '
 https://renuskshitij.blogspot.com/2017/09/blog-post_12.html
2 आई आँगन के पेड़ पे चिड़िया 
https://renuskshitij.blogspot.com/2017/07/blog-post_5.html


49 टिप्‍पणियां:

  1. दिवस तो बीता
    गौरैय्या नहीं बीतने वाली
    रहेंगी वे हरपल,हर क्षण
    सादर

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  2. गौरैया पर बहुत ही सुंदर रचना, रेणु दी। मैं भी जब अपने बगीचे में उन्हें दाना डालती तब उन्हें दाना चुगते देखना दिल को बहुत ही सुकून देता है।

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    1. हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय ज्योति जी 🙏🙏

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  3. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 22 मार्च 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. उत्तर
    1. हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय भारती जी 🙏❤ दीदी🙏🙏

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  5. बहुत सुंदर प्यारी रचना ।
    इस समय मेरे किचन के ऊपर खिड़की में घोंसला बना लिया है,सुबह शाम मेरे साथ रहती हैं, मैं भी प्रफुल्लित वो भी । दिन भर तिनका लाती हैं, मेरे शमी के पेड़ को गंजा कर दिया है, पर क्या कहूं मेरी बचपन की दोस्त हैं न गौरैया रानी😀😀

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    1. जी जिज्ञासा जी,बहुत भाग्यशाली हैं आप जो गौरैया के इस जीवट कर्म की साक्षी बनी हुई हैं।मेरे यहाँ बहुत तरह की रंग बिरंगी चिडियाँ नित दिखाई देती हैं।बहुत अच्छा लगता है उन्हें आँगन में स्वछन्द फुदकते देखकर।हार्दिक आभार आपकी आत्मीयता भरी प्रतिकिया के लिए ❤❤

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  6. चिड़िया पर लिखी बहुत प्यारी और मन को छूती रचना

    बधाई

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  7. चिङिया में जीवन का स्पंदन अनुभव करती कविता । साधुवाद ।

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  8. उत्तर
    1. हार्दिक आभार और प्रणाम आदरनीय आलोक जी 🙏🙏

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  9. कितना सुंदर -कितना प्यारा
    है ये नीड़ तुम्हारा चिड़िया !
    तिनका-तिनका गूँथा हुआ है
    इसमें प्यार तुम्हारा चिड़िया |
    बेहद खूबसूरत रचना ।

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  10. उड़ता निर्मम समय का पाखी
    ना आता लौट दुबारा चिड़िया |
    जीवन के दर्शन को चिड़िया के नीड़ के तिनके-तिनके में पिरोती अद्भुत रचना।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हार्दिक आभार और प्रणाम आदरणीय विश्वमोहन जी 🙏🙏

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  11. आजन्म निर्बंध और उन्मुक्त
    फिर भी जग-भर की प्यारी तुम !
    तूफानों से भिड़-भिड़ जाती
    कहाँ कभी हिम्मत हारी तुम !
    जिधर जी चाहे,फुर्र से उड़ जाती
    है सारा जहाँ तुम्हारा चिड़िया !
    एक समय था जब चिड़ियाँ हर वर्ष में कम से कम दो बार घर के छज्जे में लगे बीम के नीचे घोंसले बनाती थीं। कई बार उनके बच्चे घोंसले से नीचे गिर जाते, फिर उनका वो बच्चों को उड़ना सिखाना...
    अब तो कभी कभी ही दर्शन होते हैं गोरैया के। मनमोहक व सार्थक रचना हेतु बधाई प्रिय रेणु।

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    उत्तर
    1. प्रिय मीना,आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूँ।आपने सच कहा है कि गौरैया-दर्शन दुर्लभ आजकल। फिर भी इस मनमोहक गौरैया से सबको प्यार है 🌺🌺🌹🌹🙏

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  12. तिनका-तिनका गूँथा हुआ है
    इसमें प्यार तुम्हारा चिड़िया |
    बेहद खूबसूरत चिड़िया पर लिखी प्यारी रचना 👍

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  13. उत्तर
    1. हार्दिक आभार प्रिय मनोज जी।ब्लॉग पर आपका सदैव
      स्वागत है 🌺🌺🙏

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  14. पढ़ी कभी न विद्यालय में,
    अनथक खोयी अपनी ही लय में!
    धीरज , श्रम अलंकार तुम्हारे
    डूबी ना कभी संशय में!
    नीड़कला की माहिर तुम
    हुनर ये जग में न्यारा चिड़िया !
    कितना सटीक लिखा है सच बड़ा आश्चर्य होता है इनकी कला से....
    बहुत ही सुन्दर मनमोहक सृजन
    वाह!!!

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  15. बहुत अच्छी कविता।हार्दिक शुभकामनाएं

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  16. चिड़िया का अनथक श्रम और लगन वाकई कितनों को प्रेरणा से भर जाती है, सुंदर रचना !

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  17. उत्तर
    1. हार्दिक स्वागत और आभार प्रिय विभा जी ❤🌺🙏

      हटाएं
  18. डूबी ना कभी संशय में!
    नीड़कला की माहिर तुम
    हुनर ये जग में न्यारा चिड़िया !
    कितना सटीक लिखा है

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  19. सचमुच यदि हम चिडिय़ा से ही कुछ सीख सखें तो जीवन धन्य हो जाए। बहुत सुंदर रचना।

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  20. वाह चिड़िया के श्रम को मान देती सुन्दर रचना!!

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    उत्तर
    1. हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय अनुपमा 🙏

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  21. आदरणीया मैम, एक के बाद एक सुंदर और आनंदकर रचनायें पढ़ कर मन प्रसन्न है । प्रकृति का विशेष उपहार है हमें यह सुंदर प्यारी चिड़िया। कठोर परिश्रम से अपना घोंसला बनाने वाली और सद्य मधुर बोलने वाली और आनंदित रहने वाली चिड़िया हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत है और हम सब के लिए प्रातःकाल का पहला स्वर जो हमें नींद से जगाता है। चिड़िया को समर्पित आपकी यह रचना एक प्रकार से गृहनी का भी प्रतीक है । रंग सपनों में नित भर-भरकर,
    खूब सजाओ छोटा-सा ये घर! हमारी माँ भी तो यही करती है ।

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    उत्तर
    1. तुम्हारे विचारों से सहमत हूँ प्रिय अनंता।चिड़िया से पढ़कर प्रेरक और जीवट प्राणी इस संसार में नहीं। नीड़ के रूप में उसका कलात्मक कार्य अद्भूत है।

      हटाएं

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